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टैरिफ विवाद के बीच अमेरिकी कांग्रेस के 19 सांसदों ने ट्रंप को दी नसीहत – ‘भारत से यथाशीघ्र रिश्ते सुधारें’

टैरिफ विवाद के बीच अमेरिकी कांग्रेस के 19 सांसदों ने ट्रंप को दी नसीहत – ‘भारत से यथाशीघ्र रिश्ते सुधारें’

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नई दिल्ली, 8 अक्टूबर। रूस से कच्चे तेल की खरीद को लेकर भारत पर 50 फीसदी टैरिफ थोपने के बाद से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने ही देश में घिरते जा रहे हैं। इस क्रम में अमेरिका के पूर्व एनएसए सहित कई ब्यूरोक्रेट्स भारत के साथ रिश्ते खराब करने को लेकर पहले ही ट्रंप को कटघरे में खड़ा कर रहे थे तो अब ह्वाइट हाउस को कड़ा संदेश देते हुए अमेरिकी कांग्रेस के 19 सांसदों के समूह ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नसीहत दी है कि वह भारत के साथ यथाशीघ्र रिश्ते सुधारें।

सांसद डेबोरा रॉस और रो खन्ना की अगुआई में सांसदों ने ट्रंप को लिखा पत्र

दरअसल, सांसद डेबोरा रॉस और रो खन्ना की अगुआई में 19 सांसदों ने ट्रंप को पत्र लिखकर भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों को तुरंत सुधारने की अपील की है। इन सांसदों ने ट्रंप प्रशासन से भारत पर बढ़ाए गए टैरिफ को वापस लेने की भी मांग की है।

50% टैरिफ से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ संबंध खराब हुए हैं

अमेरिकी सांसदों ने यह पत्र बुधवार (आठ अक्टूबर) को लिखा, जिसमें कहा गया कि भारत पर टैरिफ बढ़ाकर 50 फीसदी करने से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ अमेरिका के संबंध खराब हुए हैं। इससे दोनों देशों पर नकारात्मक असर पड़ा है। सांसदों ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि भारत के साथ संबंधों को तुरंत दुरुस्त किया जाए।

ये सांसद बीते अगस्त में भी ट्रंप को ऐसी ही पत्र लिख चुके हैं

सांसदों ने अगस्त, 2025 में भी ऐसी ही चिट्ठी लिखते हुए कहा था कि ट्रंप सरकार ने भारत के सामानों पर टैरिफ बढ़ाकर 50 फीसदी किया है। भारत पर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया है। इस तरह के कदम से भारत के मैन्युफैक्चरर्स और अमेरिकी उपभोक्ताओं पर असर पड़ा है, जिससे सप्लाई चेन बाधित हुई है।

विभिन्न क्षेत्रों में अमेरिकी कम्पनियां प्रमुख सामग्रियों के लिए भारत पर निर्भर

अमेरिकी सांसदों ने ट्रेडिंग पार्टनर के तौर पर भारत के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि अमेरिकी मैन्युफैक्चरर्स सेमीकंडक्टर से लेकर स्वास्थ्य सेवा और ऊर्जा तक विभिन्न क्षेत्रों में प्रमुख सामग्रियों के लिए भारत पर निर्भर हैं। भारत में निवेश करने वाली अमेरिकी कम्पनियां दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते उपभोक्ता बाजारों में से एक तक पहुंच प्राप्त करती हैं। अमेरिका में भारतीय निवेश ने स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार और आर्थिक अवसर पैदा किए हैं।

भारत पर टैरिफ से अमेरिकी परिवारों के खर्चों पर असर पड़ रहा

सांसदों ने आगाह किया कि लगातार टैरिफ बढ़ाने से भारत और अमेरिका के इन संबंधों पर असर पड़ता है। इससे अमेरिकी परिवारों के खर्चों पर असर पड़ रहा है और वैश्विक स्तर पर अमेरिकी कम्पनियों की प्रतिस्पर्धा बाधित हो रही है।

पत्र में ये भी कहा गया, ‘ट्रंप सरकार के इन कदमों से हमने भारत को चीन और रूस के और करीब कर दिया है। क्वाड में हिस्सेदारी के साथ इंडो पैसिफिक में भारत का महत्व लगातार बढ़ रहा है। चीन का मुकाबला करने के लिए भारत एक बेहतरीन पार्टनर बन सकता है।’

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