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इलाहाबाद हाई कोर्ट का सुझाव : गोरक्षा को किसी धर्म से जोड़ने की जरूरत नहीं, राष्ट्रीय पशु घोषित करे केंद्र

इलाहाबाद हाई कोर्ट का सुझाव : गोरक्षा को किसी धर्म से जोड़ने की जरूरत नहीं, राष्ट्रीय पशु घोषित करे केंद्र

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प्रयागराज, 1 सितम्बर। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वैदिक, पौराणिक, सांस्कृतिक महत्व और सामाजिक उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि उसे गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर देना चाहिए। बुधवार को जमानत के एक मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने यह महत्वपूर्ण टिप्पणी की।

गाय इस देश की संस्कृति, उसकी सुरक्षा हर किसी की जिम्मेदारी

हाई कोर्ट ने जावेद नाम के शख्स की याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। जावेद पर गोहत्या रोकथाम अधिनियम की धारा 3, 5 और 8 के तहत आरोप लगाए गए हैं। अदालत ने कहा कि गोरक्षा को किसी भी धर्म से जोड़ने की जरूरत नहीं है। गाय इस देश की संस्कृति है और इसकी सुरक्षा हर किसी की जिम्मेदारी है। फिर चाहे आप किसी भी धर्म से ताल्लुक क्यों ना रखते हों।

गाय को भी अब मूल अधिकार मिलने चाहिए

जस्टिस शेखर कुमार यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सरकार को अब सदन में एक बिल लाना चाहिए। गाय को भी मूल अधिकार मिलने चाहिए। समय आ गया है कि अब गाय को एक राष्ट्रीय पशु घोषित कर दिया जाए। इसके विपरीत, जो भी गाय को परेशान करते हैं, उन्हें नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते हैं, उनके खिलाफ सख्त काररवाई होनी चाहिए। जस्टिस शेखर कुमार ने जोर देकर कहा है कि जब तक देश में गायों को सुरक्षित नहीं किया जाएगा, देश की तरक्की भी अधूरी रह जाएगी।

न्यायमूर्ति शेखर कुमार ने तर्क दिया कि भारत ही एक ऐसा देश है, जहां पर विभिन्न धर्म के लोग साथ रहते हैं, जहां पर हर कोई अलग पूजा करता है, फिर भी सभी की देश के प्रति एक सोच दिखती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि कुछ लोग ऐसे अपराध कर देश को कमजोर करने का प्रयास करते हैं। उनके विचार देश हित में नहीं होते हैं, इसलिए याचिका खारिज की जाती है।

हाई कोर्ट ने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की कि देश में कई गोशालाएं अभी काम कर रही हैं, लेकिन उनकी वर्तमान स्थिति दयनीय है। अदालत ने कहा कि ये देख दुख होता है कि जो लोग गाय बचाने की बात करते हैं, वो खुद ही बाद में गो भक्षक बन जाते हैं।

जावेद पर गाय चुराकर मारने का आरोप

गौरतलब है कि याची जावेद पर साथियों के साथ खिलेंद्र सिंह की गाय चुराकर जंगल में अन्य गायों सहित मारकर मांस इकट्ठा करते टार्च की रोशनी में देखे जाने का आरोप है। इस आरोप में वह 8 मार्च, 2021 से जेल में बंद है। शिकायतकर्ता ने सिर देखकर अपनी गाय की पहचान की थी। आरोपित मौके पर मोटरसाइकिल छोड़ कर भाग गए थे

गोवंश संरक्षण को लेकर पहले से प्रतिबद्ध है योगी सरकार

इससे पहले वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने गोवंश संरक्षण को लेकर कानून बनाया था। जून, 2020 में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) अध्यादेश को मंजूरी दे दी थी। इसके साथ ही यूपी में गोहत्या व गोवंश को शारीरिक नुकसान पहुंचाने पर कठोर सजा वाले प्रावधान लागू हो गए हैं। पिछले तीन वर्षों में मुख्यमंत्री योगी ने गोकशी, गो संरक्षण, भूसा बैंक, गोसेवा जैसे तमाम मुद्दों पर आधारभूत काम किया है।

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