ओडिशा रेल हादसा : जिंदगी को पटरी पर लाने की जद्दोजहद, 1000 से ज्यादा लोग रेस्क्यू में जुटे… डॉक्टरों-नर्सों की टीम पहुंची
भुवनेश्वर, 4 जून। नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) और केंद्र सरकार के अन्य अस्पतालों के चिकित्सकों का एक दल ओडिशा रेल हादसे में घायल हुए लोगों को चिकित्सकीय मदद मुहैया कराने के लिए भारतीय वायुसेना के एक विशेष विमान से भुवनेश्वर भेजा गया है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि यह दल दवाइयां और अन्य अहम चिकित्सकीय उपकरण लेकर गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ओडिशा में हैं और वह हादसा पीड़ितों को मुहैया कराई जा रही चिकित्सकीय सहायता का जायजा लेने के लिए रविवार को एम्स भुवनेश्वर और कटक चिकित्सा महाविद्यालय का दौरा करेंगे।
ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए रेल हादसे को 36 घंटे बीत चुके हैं। आलम यह है कि अभी भी इस ट्रैक से ट्रेनों का आवागमन शुरू नहीं हो पाया है, अब भी ट्रैक पर ट्रेन एक्सीडेंट के कारण क्षतिग्रस्त बोगियों का मलबा पसरा हुआ है, जिसे साफ किया जा रहा है। उधर, बालासोर ट्रेन दुर्घटना स्थल पर रात में भी मरम्मत का काम जा रहा है।
रेल मंत्रालय के मुताबिक, 1000 से अधिक लोग स्थिति को सुचारू रूप से फिर संचालित करने में लगे हुए हैं। ट्रेनों का आवागमन जल्दी हो सके इसके लिए 7 से अधिक पोकलेन मशीन, 2 दुर्घटना राहत ट्रेन, 3-4 रेलवे और रोड क्रेन तैनात हैं, साइट को पूरी तरह से क्लियर करने की कवायद चल रही है। दक्षिण पूर्व रेलवे के सीपीआरओ आदित्य कुमार चौधरी ने रीस्टोरेशन के जारी काम को लेकर कहा कि, एक तरफ से कनेक्टिंग ट्रैक का काम चल रहा है, काम को जल्द से जल्द खत्म कर देंगे।
बता दें कि बालासोर जिले में शुक्रवार की शाम लगभग सात बजे शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने के कारण यह हादसा हुआ, जिसमें कम से कम 288 लोगों की मौत हो गई और 1,100 से अधिक यात्री घायल हो गए।