1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. अन्य ATM से निःशुल्क ट्रांजैक्शन सीमा पार करने के बाद कैश निकालना पड़ेगा महंगा, RBI ने बढ़ाया शुल्क
अन्य ATM से निःशुल्क ट्रांजैक्शन सीमा पार करने के बाद कैश निकालना पड़ेगा महंगा, RBI ने बढ़ाया शुल्क

अन्य ATM से निःशुल्क ट्रांजैक्शन सीमा पार करने के बाद कैश निकालना पड़ेगा महंगा, RBI ने बढ़ाया शुल्क

0
Social Share

नई दिल्ली, 25 मार्च। अन्य बैंकों के ATM  से निःशुल्क ट्रांजैक्सन सीमा करने के बाद कैश निकालना महंगा पड़ सकता है। दरअसल, मंगलवार को डीडी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 1 मई से एटीएम से कैश निकालना महंगा होने वाला है। ऐसा इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इंटरचेंज फीस बढ़ा दी है और नया नियम एक मई से लागू होने जा रहा है। यह बढ़ा शुल्क तब लागू होगा, जब ग्राहक अन्य एटीएम से मुफ्त ट्रांजैक्शन लिमिट पार होने के बाद भी कैश निकालते हैं।

नया नियम एक मई से लागू होने जा रहा

उल्लेखनीय है कि अन्य बैंकों के ATM से मुफ्त ट्रांजैक्शन की लिमिट मेट्रो शहरों में पांच और गैर-मेट्रो शहरों में तीन है। इसके बाद लेनदेन पर अतिरिक्त चार्ज लगेगा। एटीएम इंटरचेंज फीस एक ऐसा शुल्क है, जो एक बैंक दूसरे बैंक को एटीएम सेवाएं प्रदान करने के लिए देते हैं। यह शुल्क, आमतौर पर प्रति लेनदेन एक निश्चित राशि होती है, जिसे अक्सर ग्राहकों को उनकी बैंकिंग लागत के हिस्से के रूप में दिया जाता है।

किस सर्विस के लिए कितना लगेगा चार्ज?

आरबीआई के नए नियम के अनुसार एक मई से ग्राहकों को मुफ्त सीमा से परे प्रत्येक वित्तीय लेनदेन के लिए दो रुपये अतिरिक्त देने होंगे। गैर-वित्तीय लेनदेन, जैसे बैलेंस पूछताछ के लिए शुल्क में एक रुपये की बढ़ोतरी होगी। नतीजतन, एटीएम से कैश निकालने पर प्रति लेनदेन 19 रुपये खर्च होंगे, जो पहले 17 रुपये था। आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, खाते की बची राशि चेक करने पर अब प्रति लेनदेन सात रुपये खर्च होंगे।

इसलिए लिया गया यह फैसला

केंद्रीय बैंक ने ह्वाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटरों के अनुरोधों के बाद इन शुल्कों को बढ़ाने का फैसला किया, जिन्होंने तर्क दिया कि बढ़ते ऑपरेशनल खर्च उनके कारोबार को प्रभावित कर रहे हैं। शुल्कों में बढ़ोतरी पूरे देश में लागू होगी और इसका असर ग्राहकों, खासकर छोटे बैंकों के ग्राहकों पर पड़ने की उम्मीद है। ये बैंक एटीएम इंफ्रास्ट्रक्चर और संबंधित सेवाओं के लिए बड़े वित्तीय संस्थानों पर निर्भर हैं, जिससे वे बढ़ती लागतों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।

UPI पेमेंट बढ़ने से ATM की कम हुई है डिमांड

ज्ञातव्य है कि एक समय एटीएम को क्रांतिकारी बैंकिंग सेवा के रूप में देखा जाता था। हालांकि, डिजिटल भुगतान के बढ़ने के कारण यह भारत में संघर्ष कर रहा है। ऑनलाइन वॉलेट और यूपीआई लेनदेन की सुविधा ने एटीएम कैश निकासी की आवश्यकता को काफी कम कर दिया है। सरकारी डेटा से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2014 में भारत में डिजिटल भुगतान का वैल्यू 952 लाख करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2023 तक, यह आंकड़ा 3,658 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो कैशलेस लेनदेन की ओर बड़े पैमाने पर बदलाव को दर्शाता है।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code