जापान की सफल यात्रा के बाद चीन के लिए रवाना हुए पीएम मोदी, SCO Summit में लेंगे भाग
तोक्यो, 30 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जापान की दो दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए शनिवार को चीन रवाना हो गए। मोदी की यात्रा के दौरान, भारत और जापान ने 13 प्रमुख समझौतों एवं घोषणाओं को अंतिम रूप दिया तथा कई परिवर्तनकारी पहलों की शुरुआत की घोषणा की।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘जापान की यह यात्रा उन उपयोगी परिणामों के लिए याद रखी जाएगी जिनसे हमारे देश के लोगों को लाभ होगा। मैं (जापान के) प्रधानमंत्री (शिगेरू) इशिबा, जापानी जनता और सरकार को उनकी गर्मजोशी के लिए धन्यवाद देता हूं।’’
This visit to Japan will be remembered for the productive outcomes which will benefit the people of our nations. I thank PM Ishiba, the Japanese people and the Government for their warmth.@shigeruishiba pic.twitter.com/kdXYeLPJ7N
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2025
चीन रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को जापान में मियागी प्रांत के सेंडाई स्थित सेमीकंडक्टर संयंत्र गए। इससे एक दिन पहले भारत एवं जापान ने महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को गहरा करने का संकल्प लिया था। मोदी अपने जापानी समकक्ष इशिबा के साथ बुलेट ट्रेन से सेंडाई पहुंचे।
सेंडाई तोक्यो से 300 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित है। प्रधानमंत्री इशिबा ने सेंडाई में मोदी के सम्मान में दोपहर भोज की मेजबानी की जिसमें मियागी प्रांत के गवर्नर और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए। एक भारतीय विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी की सेंडाई स्थित ‘तोक्यो इलेक्ट्रॉन मियागी लिमिटेड’ (टीईएल मियागी) की यात्रा ने भारत के विकसित हो रहे सेमीकंडक्टर विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र और इस क्षेत्र में जापान की ताकत के बीच पूरकता को उजागर किया।
सेमीकंडक्टर क्षेत्र की अग्रणी जापानी कंपनी टीईएल मियागी भारत के साथ सहयोग की योजनाओं पर काम कर रही है। मोदी को वैश्विक सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखला में टीईएल की भूमिका, उसकी उन्नत विनिर्माण क्षमताओं और भारत के साथ उसके जारी एवं नियोजित सहयोग की जानकारी दी गई। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने एक बयान में कहा कि इस यात्रा से दोनों देशों के नेताओं को सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला, निर्माण और परीक्षण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच मौजूद अवसरों की व्यावहारिक समझ मिली।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने इस क्षेत्र में सहयोग को गहरा करने, जापान-भारत सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला साझेदारी पर सहयोग ज्ञापन के साथ-साथ भारत-जापान औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता साझेदारी एवं आर्थिक सुरक्षा संवाद के अंतर्गत साझेदारियों को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।’’ इसमें कहा गया कि मोदी और इशिबा के इस संयंत्र के संयुक्त दौरे ने मजबूत, लचीली और विश्वसनीय सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाएं विकसित करने के भारत और जापान के साझा दृष्टिकोण को भी रेखांकित किया।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने उनके साथ (संयंत्र का) दौरा करने के लिए जापान के प्रधानमंत्री इशिबा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और इस रणनीतिक क्षेत्र में जापान के साथ मिलकर काम करने की भारत की तत्परता की पुष्टि की।’’ मोदी और इशिबा ने शुक्रवार को व्यापक चर्चा की, जिसमें सेमीकंडक्टर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।
मोदी शुक्रवार को दो दिवसीय यात्रा पर तोक्यो पहुंचे थे। जापान ने शुक्रवार को भारत में एक दशक में 10 हजार अरब येन (करीब 60,000 करोड़ रुपये) के निवेश का लक्ष्य रखा और दोनों पक्षों ने कई बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें रक्षा संबंधों के लिए एक रूपरेखा और आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए 10-वर्षीय खाका शामिल है। यह निर्णय अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की व्यापार और शुल्क संबंधी नीतियों के कारण पैदा हुई आर्थिक उथल-पुथल के बीच लिया गया।
भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के विस्तार की घोषणाएं प्रधानमंत्री मोदी और उनके जापानी समकक्ष इशिबा के बीच शिखर वार्ता के बाद की गईं। दोनों पक्षों ने 13 प्रमुख समझौतों और दस्तावेजों को अंतिम रूप दिया तथा कई परिवर्तनकारी पहल की शुरुआत की घोषणा की, जिनमें सेमीकंडक्टर, स्वच्छ ऊर्जा, दूरसंचार, फार्मास्यूटिकल्स, महत्वपूर्ण खनिजों और नयी एवं उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन को बढ़ावा देने के लिए एक आर्थिक सुरक्षा ढांचा शामिल है।
