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AAP ने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. से तोड़ा नाता, अब बैठकों में भाग नहीं लेगी

AAP ने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. से तोड़ा नाता, अब बैठकों में भाग नहीं लेगी

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नई दिल्ली, 18 जुलाई। ऑपेरशन सिंदूर के मुद्दे पर विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. से अलग-थलग होने का पहले ही संकेत दे चुकी आम आदमी पार्टी (AAP) औपचारिक रूप से जून, 2023 में गठित इस गठबंधन से अब पूरी तरह अलग हो गई है। इस क्रम में शनिवार को I.N.D.I.A. ब्लॉक की होने वाली अहम बैठक में आम आदमी पार्टी का कोई भी नेता शामिल नहीं होगा।

ज्ञातव्य है कि इससे पहले ऑपेरशन सिंदूर के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी ने सबसे पहले संसद के विशेष सत्र की मांग करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को लिखे विपक्षी गठबंधन के संयुक्त पत्र से खुद को अलग कर लिया था। सांसद संजय सिंह ने इसका मुख्य कारण कांग्रेस नेतृत्व को बताया था। अब 19 जुलाई को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर गठबंधन की बैठक होने वाली है।

इस बैठक में आम आदमी पार्टी के अलावा तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेता भी अन्य व्यस्तता के चलते शामिल नहीं होंगे। टीएमसी नेता 21 जुलाई को होने वाले शहीद दिवस कार्यक्रम की तैयारियों में व्यस्त होने की वजह से इस बैठक में शामिल नहीं होंगे, लेकिन पार्टी गठबंधन के साथ है।

विपक्षी सांसद बनाएंगे अपनी रणनीति

उल्लेखनीय है कि मानसून सत्र से ठीक पहले विपक्षी सांसद इंडी गठबंधन की बैठक में अपनी रणनीति बनाएंगे। इससे पहले गठबंधन की बैठक लोकसभा चुनाव के बाद एक जून, 2024 को दिल्ली में खरगे के आवास पर ही हुई थी। इसके बाद से कोई बैठक नहीं हुई है।

हालांकि, गत जून में ऑपेरशन सिंदूर के बाद विपक्षी गठबंधन में शामिल पार्टी के नेता संसद में मिले थे, जब विपक्षी सांसदों ने एक साझा खत लिखकर ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर पर अमेरिका की मध्यस्थता को लेकर विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग की थी। तब भी आम आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को अलग पत्र लिखा था।

विपक्षी गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए था

I.N.D.I.A. ब्लॉक की शनिवार को होने वाली बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए AAP नेता संजय सिंह ने कहा कि इस गठबंधन का गठन विशेष रूप से 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए किया गया था। गठबंधन की वजह से विपक्षी दलों को 240 सीटें मिलीं, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

वर्तमान में जनता के सामने बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे के विरोधी बनने का नाटक करते हैं, लेकिन असल में दोनों ने आपस में गुप्त गठबंधन कर रखा है। ये गठबंधन न वैचारिक है, न सैद्धांतिक। ये एक भ्रष्ट और अवसरवादी समझौता है, जिसमें सत्ता, भ्रष्टाचार और राजनीतिक सौदेबाज़ी सबसे ऊपर है। कांग्रेस का हर कदम भाजपा को लाभ देने वाला होता है और बदले में भाजपा सरकार गांधी परिवार और कांग्रेस के भ्रष्ट नेताओं को जेल जाने से बचाती है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव भी अपने दम पर लड़ी थी आप

आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने इस वर्ष फरवरी में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव भी अपने-अपने दम पर लड़ने का पहले ही एलान कर दिया था। दोनों दल के नेता व प्रत्याशी चुनाव प्रचार में व्यस्त हुए तो दोनों तरफ से जमकर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपण लगाने का सिलसिला शुरू हुआ। इससे कांग्रेस को लेकर ‘आप’ नेताओं में भारी नाराजगी थी।

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