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जानिए कौन है राजेश मिश्रा? घर में मिले 10, 50 के इतने नोट, गिनने में पुलिसवालों छूटे पसीने, 20 घंटे तक गिनती रही मशीन

जानिए कौन है राजेश मिश्रा? घर में मिले 10, 50 के इतने नोट, गिनने में पुलिसवालों छूटे पसीने, 20 घंटे तक गिनती रही मशीन

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प्रतापगढ़, 10 नवंबर। सोशल मीडिया पर 24 घंटे से उत्‍तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की बहुत चर्चा हो रही है। यहां का एक वीडियो सामने आया है जिसमें बिस्‍तर पर बहुत सारे नोट बिखरें हैं। कई पुलिसवाले बैठकर नोटों की गिनती कर रहे हैं। नोट इतने ज्‍यादा हैं कि कुछ महिला पुलिसकर्मी बीच-बीच में पसीना पोंछती नजर आईं। लोगों के मन में उत्‍सुकता है कि आखिर ये घर किसका है और ये पैसे कहां से आए।

घर में नोट इतने ज्‍यादा थे कि गिनने वाली 4 मशीन मंगानी पड़ी। शनिवार सुबह मिले रुपयों के ढेर की गिनती 20 घंटे तक चलती रही। इनमें अधिकतर 10, 20, 50 और 100 रुपये के नोट थे। दावा किया जा रहा है कि दो करोड़ की नकदी बरामद की गई है। इसके साथ ही एक करोड़ रुपये के मादक पदार्थ भी मिले हैं।

दरअसल ये घर जिले के कुख्‍यात मादक तस्‍कर राजेश मिश्रा का है। मानिकपुर इलाके के गांव मुंदीपुर में रहने वाले राजेश मिश्रा के पिता ने यह काला धंधा शुरू किया था। फिर इसे राजेश और उसके बच्‍चों ने विरासत की तरह संभाला। तीन पीढ़ियों से चल रहे इस काले साम्राज्‍य ने पूरे इलाके का नाम बदनाम कर दिया। पुलिस ने तस्‍कर की पत्‍नी रीना देवी, बेटे विनायक और बेटी कोमल को हिरासत में ले लिया है। परिवार के सदस्‍य यश कुमार को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

जेल में बंद है तस्‍कर, पत्‍नी चला रही थी काला धंधा
राजेश मिश्रा पर गांजा और स्‍मैक तस्‍करी के 14 मुकदमे दर्ज हैं। उस पर गैंगस्‍टर भी लगा है। वह पहले से जेल में बंद चल रहा है। पत्‍नी रीना देवी भी 15 दिन पहले ही जेल से छूटी थी। उसके ऊपर भी छह मुकदमे हैं। पति के जेल में होने के दौरान रीना अपने बेटे और बेटी के साथ मिलकर काले धंधे का संचालन कर रही थी। इस धंधे से राजेश मिश्रा के परिवार ने करोड़ों रुपये कमाए हैं।

काली कमाई से घर की मजबूत किलेबंदी
ड्रग माफिया ने अपने घर की मजबूत किलेबंदी की है। उसका एक पुराना घर है। उसने काली कमाई के पैसों से नया शानदार घर बनवाया। पुराने और नए घर को एक गलियारे के माध्‍यम से जोड़ दिया। हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए ताकि बाहर गेट पर कोई आए तो पता चल जाए।

पड़ोसी जिलों तक फैला लिया जाल
इस परिवार ने पहले मानिकपुर और आसपास के इलाकों में लोगों को नशे का चस्‍का लगाा। कम पैसे में गांजा और स्‍मैके बेचने लगे। धीरे-धीरे लोग उनके जाल में फंसते गए। पैसा आते देखकर इन लोगों ने प्रयागराज, जौनपुर, अमेठी, कौशांबी और रायबरेली तक अपना गिरोह फैला लिया। दावा किया जा रहा है कि प्रतापगढ़ जिले में पहली बार इतने नोट बरामद हुए हैं कि उसको गिनने के लिए मशीन का सहारा लेना पड़ा।

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