पीएम मोदी ने डिजिटल धोखाधड़ी, साइबर अपराध व AI तकनीक से उत्पन्न खतरों पर जताई चिंता
भुवनेश्वर, 1 दिसम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल धोखाधड़ी, साइबर अपराध और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक के कारण उत्पन्न संभावित खतरों, विशेष रूप से सामाजिक और पारिवारिक संबंधों को बाधित करने के लिए डीप फेक की क्षमता पर चिंता जताई है और इनके कारण उत्पन्न चुनौतियों को भारत की दोहरी एआई शक्ति व एस्पीरेशंल इंडिया का उपयोग करके अवसर में बदलने का पुलिसकर्मियों का आह्वान किया है।
पीएम मोदी रविवार को यहां पुलिस महानिदेशकों/महानिरीक्षकों (DGP-IG) के 59वें अखिल भारतीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने स्मार्ट पुलिसिंग के मंत्र का विस्तार किया और पुलिस से रणनीतिक, सावधान, अनुकूलनीय, विश्वसनीय और पारदर्शी बनने का आह्वान किया। उन्होंने कुछ प्रमुख समस्याओं के समाधान में हैकाथॉन की सफलता पर चर्चा करते हुए राष्ट्रीय पुलिस हैकाथॉन आयोजित करने के बारे में भी विचार-विमर्श करने का सुझाव दिया।
खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक वितरित किए
सम्मेलन के समापन सत्र में पीएम मोदी ने खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक वितरित किए। अपने समापन भाषण में प्रधानमंत्री ने सुरक्षा चुनौतियों के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आयामों पर व्यापक चर्चा की और चर्चाओं से उभरी जवाबी रणनीतियों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने शहरी पुलिसिंग में की गई पहलों की सराहना करते हुए सुझाव दिया कि प्रत्येक पहल को देश के 100 शहरों में पूरी तरह से एकत्रित और कार्यान्वित किया जाना चाहिए।
Extensive deliberations continued on the second day of the DGP/IGP Conference in Bhubaneswar. Key discussions on national security challenges, urban policing and new-age threats like cybercrime and AI misuse featured prominently through the conference. pic.twitter.com/FTUkdwUz9C
— Narendra Modi (@narendramodi) December 1, 2024
सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देने का आह्वान
पीएम मोदी ने कांस्टेबलों के कार्यभार को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग का आह्वान किया और सुझाव दिया कि पुलिस स्टेशन को संसाधन आवंटन के लिए केंद्र बिंदु बनाया जाना चाहिए। गृह मंत्रालय में सरदार वल्लभभाई पटेल के अद्वितीय योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने गृह मंत्रालय से लेकर पुलिस स्टेशन स्तर तक के सभी सुरक्षा प्रतिष्ठानों का अगले वर्ष उनकी 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देने का भी आह्वान किया।
उन्होंने पुलिस की छवि, व्यावसायिकता और क्षमताओं में सुधार लाने वाले किसी भी पहलू पर लक्ष्य निर्धारित करने और उसे हासिल करने का संकल्प लेने का भी आह्वान किया और पुलिस से आधुनिक बनने और विकसित भारत के दृष्टिकोण के साथ खुद को फिर से जोड़ने का आग्रह किया।