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सुप्रीम कोर्ट की दिल्ली सरकार को फटकार, पूछा – कैसे रोकी जा रही ट्रकों की एंट्री?

सुप्रीम कोर्ट की दिल्ली सरकार को फटकार, पूछा – कैसे रोकी जा रही ट्रकों की एंट्री?

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नई दिल्ली, 22 नवम्बर। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा है कि वायु प्रदूषण से जूझ रही राष्ट्रीय राजधानी में ट्रकों का प्रवेश रोकने के लिए उसने कौन से इंतजाम किए हैं। जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा, ‘हमारे लिए यह मान लेना बहुत मुश्किल है कि दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश रोक दिया गया है। ऐसे में वह दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर नजर रखने के लिए केंद्र को 113 स्थानों पर पुलिस कर्मियों की तैनाती करने का निर्देश देने का प्रस्ताव रखती है।’

GRAP-4 लागू करने की खामियों पर शीर्ष अदालत ने जताई नाराजगी

दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कुल 113 एंट्री प्वाइंट्स हैं, जिनमें से 13 ट्रकों के लिए हैं। शीर्ष अदालत ने वायु प्रदूषण में चिंताजनक बढ़ोतरी पर लगाम के लिए कड़े कदम उठाने में देरी पर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के राज्यों को GRAP-4 के तहत प्रतिबंध लागू करने के लिए तुरंत टीम गठित करने का गत 18 नवम्बर को निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि अगला आदेश दिए जाने तक ये प्रतिबंध लागू रहेंगे। बावजूद इसके पूरी तरह से पाबंदियों को लागू नहीं किए जाने पर कोर्ट ने सवाल उठाए।

प्रदूषण पर लगाम के लिए उठाए गए ये कदम

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई फिर से शुरू की। इस हफ्ते की शुरुआत में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘गंभीर से भी ज्यादा’ स्तर पर पहुंच गया था, जिसके कारण ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप-4 को लागू करना पड़ा। इस फेज के तहत ट्रक और भारी वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया और सार्वजनिक प्रोजेक्ट में निर्माण कार्य अस्थायी रूप से रोक दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी गाड़ियों की एंट्री पर मांगी रिपोर्ट

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बड़े वाहनों के राष्ट्रीय राजधानी में रोक लागू नहीं होने पर चिंता जताई। इसके साथ ही कोर्ट ने 13 वकीलों को नियुक्त किया, जो 13 एंट्री प्वॉइंट का दौरा करेंगे और रिपोर्ट पेश करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार और पुलिस, देश की राजधानी में प्रवेश करने वाले भारी वाहनों के संबंध में ग्रैप-4 की पाबंदियों को लागू करने में विफल रहे। शीर्ष अदालत ने इसकी पुष्टि के लिए सभी 13 प्रमुख एंट्री प्वॉइंट से सीसीटीवी कैमरे के फुटेज मांगे हैं, जिससे पता चले कि क्या वास्तव में भारी वाहनों को प्रवेश करने दिया गया था।

13 वकील करेंगे एंट्री प्वॉइंट्स का दौरा कर सोमवार को देंगे रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 13 वकीलों को इन 13 एंट्री प्वॉइंट्स का दौरा करने और सोमवार यानी 25 नवम्बर से पहले एक रिपोर्ट पेश करने कहा है। अदालत ने कहा कि इससे पता चल सकेगा कि क्या भारी गाड़ियों और हल्के कमर्शियल व्हीकल (LCV) को दिल्ली के बाहर रजिस्टर होने पर भी एंट्री दिया जा रहा है। भले ही वे आवश्यक वस्तुओं को नहीं ले जा रहे हों। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को इस मामले को फिर से सुनवाई करेगा।

दिल्ली प्रदूषण पर सर्वोच्च न्यायालय सख्त

वायु प्रदूषण पर पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के इलाकों में भी निर्देश दिया था कि वे प्रदूषण रोकने के लिए ग्रैप-4 की पाबंदियों को सख्ती से लागू करें। इसके लिए तुरंत टीमें गठित की जाएं। एनसीआर के इलाकों में नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद आते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने गत 18 नवम्बर को कहा था कि यह सुनिश्चित करना सभी राज्यों का संवैधानिक कर्तव्य है कि सभी लोग प्रदूषण फ्री वातावरण में रहें। अदालत ने निर्देश दिया कि ग्रैप-4 तब तक जारी रहे, जब तक एक्यूआई 450 से नीचे नहीं आ जाता। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, रविवार को शाम सात बजे तक दिल्ली का दैनिक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) तेजी से बढ़कर 457 हो गया।

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