जम्मू-कश्मीर चुनाव: डीपीएपी प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने डाला वोट, लोगों से की मतदान की अपील
जम्मू,1 अक्टूबर। ‘डेमोक्रेटिव प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी’ (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को मतदाताओं से जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के तीसरे एवं आखिरी चरण में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने की अपील की। आजाद यहां अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने वाले शुरुआती मतदाताओं में शामिल थे।
उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है और क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय दोनों ही दलों ने इस पर उचित ध्यान नहीं दिया। जम्मू-कश्मीर के तीसरे चरण के चुनाव के तहत जम्मू क्षेत्र के जम्मू, उधमपुर, कठुआ और सांबा तथा उत्तर कश्मीर के बारामूला, बांदीपोरा और कुपवाड़ा सहित सात जिलों के समूचे 40 विधानसभा सीट पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हो गया। मतदान शाम छह बजे खत्म होगा।
आजाद ने मतदान शुरू होने के पहले घंटे में सरकारी कन्या उच्च माध्यमिक स्कूल, गांधी नगर में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हर मतदाता- चाहे वह पुरुष हो या महिला, बुजुर्ग हो या युवा, उसे मतदान करने के लिए बाहर आना चाहिए क्योंकि यह चुनाव 10 साल के लंबे अंतराल के बाद हो रहा है…। यह उनका चयन है कि वे किसे, किस पार्टी को या उम्मीदवार को वोट करना चाहते हैं… लेकिन उन्हें वोट जरूर करना चाहिए।’’
अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव में मतदान करने के पात्र बने पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों, वाल्मीकि और गोरखा समुदाय के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने कहा कि कुछ मुद्दे 1947 से ही हैं और उनका इस्तेमाल हमेशा विभिन्न दल अपने राजनीतिक लाभ के लिए करते रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में राज्य का दर्जा, अनुच्छेद 35ए और बढ़ती बेरोजगारी जैसे मुद्दे हैं। बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है जो हर धर्म तथा युवाओं के भविष्य से जुड़ी हुई है।’’
किसी भी क्षेत्रीय या राष्ट्रीय पार्टी ने बेरोजगारी के मुद्दे पर उतना ध्यान नहीं दिया, जितना उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान देना चाहिए था। चुनाव के बाद डीपीएपी या किसी और के ‘किंगमेकर’ के रूप में उभरने की संभावना पर आजाद ने कहा कि लोकतंत्र में जनता असली आधार होती है, ना कि राजनीतिक दल। उन्होंने कहा, ‘‘यह जनता ही है जो आपको सत्ता में लाती है। हमें इसे मतदाताओं पर छोड़ देना चाहिए और देखना चाहिए कि वे किसे सत्ता सौंपना चाहते हैं।’’