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भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने तीसरी बार अंतरिक्ष की उड़ान भरने के साथ रचा इतिहास

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने तीसरी बार अंतरिक्ष की उड़ान भरने के साथ रचा इतिहास

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फ्लोरिडा, 5 जून। भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स बुधवार को 12 वर्षों बाद तीसरी बार अंतरिक्ष की उड़ान भरने के साथ ही इतिहास रच दिया। सुनीता एक अन्य सहकर्मी बुच विल्मोर के साथ बोइंग कम्पनी के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष के लिए रवाना हुईं।

दरअसल, इस स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की उड़ान पिछले माह सात मई को निर्धारित थी। लेकिन कुछ तकनीकी अड़चनों के लिए इस अभियान को विलंबित करना पड़ा। खैर सुनीता और विल्मोर ने बोइंग कम्पनी के स्टारलाइनर यान से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जाने वाले पहले सदस्य बनकर इतिहास रच दिया।

बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट ने पहली बार यात्रियों के साथ उड़ान भरी

उल्लेखनीय है कि बोइंग स्टारलाइनर के जरिए पहली बार अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाया जा रहा है। इससे पहले 2019 में Boe-OFT और 2022 में Boe-OFT2 लॉन्च किया गया था। स्टारलाइनर मिशन पर एक अरब डॉलर से ज्यादा का खर्च होने का अनुमान है।

विलियम्स ने ऐसे मिशन पर जाने वाली पहली महिला के रूप में भी इतिहास रचा

अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के अनुसार विलियम्स और बुच विल्मोर को लेकर बोइंग का क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन कई बार के विलंब के बाद फ्लोरिडा के केप कैनवेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से रवाना हुआ। विलियम्स ने इस तरह के मिशन पर जाने वाली पहली महिला के रूप में भी इतिहास रचा।

वर्ष 2012 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा के दौरान विलियम्स अंतरिक्ष में ट्रायथलॉन पूरा करने वाली पहली शख्स बनी थीं। विलियम्स मई 1987 में अमेरिकी नौसैन्य अकादमी से प्रशिक्षण लेने के बाद अमेरिकी नौसेना से जुड़ी थीं। विलियम्स को 1998 में नासा द्वारा अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया था और वह दो अंतरिक्ष अभियानों-2006 में अभियान 14-15 तथा 2012 में 32-33 अभियानों का हिस्सा बनीं। उन्होंने अभियान-32 में फ्लाइट इंजीनियर और फिर अभियान-33 की कमांडर के रूप में काम किया। अंतरिक्ष यान के विकास में असफलताओं के कारण बोइंग के क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन में कई वर्षों की देरी हुई।

विलियम्स और विल्मोर की यात्रा में 25 घंटे लगने की उम्मीद

विलियम्स और विल्मोर की यात्रा में 25 घंटे लगने की उम्मीद है। यान गुरुवार को अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचेगा। वे अंतरिक्ष में घूमती प्रयोगशाला में एक सप्ताह से अधिक समय व्यतीत करेंगे और इसके बाद 14 जून को वापसी के लिए पश्चिमी अमेरिका के एक दूरस्थ रेगिस्तान में उतरने के वास्ते स्टारलाइनर यान में फिर से सवार होंगे।

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