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तीन दशक पुराने फर्जी बंदूक लाइसेंस मामले में मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा, 2.2 लाख रुपये का जुर्माना

तीन दशक पुराने फर्जी बंदूक लाइसेंस मामले में मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा, 2.2 लाख रुपये का जुर्माना

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वाराणसी, 13 मार्च। वाराणसी के अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट ने पांच बार विधायक रहे माफिया मुख्तार अंसारी को तीन दशक पुराने दोनाली बंदूक के फर्जी लाइसेंस मामले में दोषी पाये जाने के बाद बुधवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही कोर्ट ने उस पर दो लाख दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

मुख्तार को दूसरी बार सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा

उल्लेखनीय यह है कि बांदा जेल में बंद मुख्तार को दूसरी बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। उसे अब तक आठ मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। मुख्तार अंसारी को जिस दोनाली बंदूक के मामले में सजा सुनाई गई है, वह बेहद ही चर्चित रहा है।

लाइसेंस के लिए मुख्तार ने डीएम और एसपी के फर्जी दस्तखत बना दिए थे

इस मामले का खुलासा होने के बाद गाजीपुर से लेकर राजधानी लखनऊ तक के अधिकारियों में हड़कंप मच गया था। यही वजह थी कि इस मामले के कोर्ट में पहुंचने पर डीजीपी और मुख्य सचिव को गवाही देने के लिए वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट में उपस्थित होना पड़ा था। दरअसल, मुख्तार अंसारी ने अपनी दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए फर्जीवाड़ा किया था और खुद ही तत्कालीन डीएम और एसपी के हस्ताक्षर कर असलहा बाबू गौरीशंकर श्रीवास्तव से न केवल अप्रूवल ले लिया बल्कि अपनी हनक के दम पर असली लाइसेंस भी हासिल कर लिया था।

लगभग 33 वर्ष पहले की गई इस हेराफेरी को लेकर अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट वाराणसी, अवनीश गौतम की अदालत ने मुख्तार अंसारी को डीएम/एसपी के फर्जी हस्ताक्षर पर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में सजा सुनाई है।

इस मामले में वर्ष 1990 में थाना मोहम्मदाबाद गाजीपुर में दर्ज तीन और कोतवाली गाजीपुर में दर्ज हुए मामले में चार धाराओं में अलग-अलग सजा सुनाई गई है। इसमें 420/120 बी आईपीसी में सात साल, 467/120 बी आईपीसी में आजीवन कारावास, 468/120 बी में सात वर्ष और 30 आयुध अधिनियम में छह माह की सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इसके अलावा मुख्तार अंसारी पर अलग-अलग कुल 2,02,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड अदा न करने पर एक साल एक हफ्ते के अतिरिक्त कारावास का प्रावधान है।

इन मामलों में भी मुख्तार को हो चुकी है सजा

इससे पहले योगी सरकार की प्रभावी पैरवी के कारण कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या के मामले में भी माफिया मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सुनाई जा चुकी है। मुख्तार अंसारी को अब तक कुल आठ मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है।

इससे पहले दिसम्बर, 2023 में वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट ने 26 वर्ष पुराने कोयला व्यवसायी नंद किशोर रुंगटा की हत्या के गवाह महावीर प्रसाद रूंगटा को धमकाने के मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी पाते हुए साढ़े पांच साल की कठोर कारावास और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई थी।

मुख्तार पर दर्ज हैं कुल 61 मुकदमे

मुख्तार के खिलाफ वाराणसी, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़ समेत कई अन्य जिलों में हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती समेत अन्य संगीन धाराओं में कुल 61 मुकदमे दर्ज हैं। गाजीपुर डीएम ने मुख्तार अंसारी के गिरोह आईएस 191 को 14 अक्टूबर 1997 को गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज किया था। उस समय गिरोह के 22 सदस्य थे। हालांकि अब उस गिरोह के केवल 19 सदस्य शेष हैं। मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ विधायक अब्बास अंसारी पहले से जेल में हैं। उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस है। इसी मामले में मुख्तार की पत्नी अफ्शां अंसारी और साले अब तक फरार चल रहे हैं।

उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश, पंजाब, नई दिल्ली और अन्य राज्यों में लगभग 60 मामले लंबित हैं। उत्तर प्रदेश में अंसारी के खिलाफ गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, सोनभद्र, आगरा, लखनऊ, बाराबंकी, मऊ, आजमगढ़ और अन्य जिलों में मामले दर्ज हैं। अंसारी को अब तक कम से कम सात मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है।

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