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17वीं लोकसभा में 97 फीसदी रही कामकाज की उत्पादकता, अनुच्छेद 370 हटाने व महिला आरक्षण सहित कुल 222 विधेयक पारित

17वीं लोकसभा में 97 फीसदी रही कामकाज की उत्पादकता, अनुच्छेद 370 हटाने व महिला आरक्षण सहित कुल 222 विधेयक पारित

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नई दिल्ली, 10 फरवरी। बजट सत्र के समापन के साथ ही शनिवार को संसद की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। 17वीं लोकसभा में कामकाज की उत्पादकता 97 प्रतिशत रही और अनुच्छेद 370 हटाने और महिला आरक्षण सहित कुल मिलाकर 222 महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 17वीं लोकसभा के अंतिम सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में इस दौरान विभिन्न विधेयक पारित करवाने में विभिन्न दलों के सहयोग का उल्लेख किया। वहीं राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने उच्च सदन की बैठक को अनिश्चित काल के लिए स्थगित किए जाने से पहले इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि सत्र के दौरान उच्च सदन ने कई दिन निर्धारित समय से अधिक बैठकर विधायी एवं अन्य सूचीबद्ध कामों को पूरा किया।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 17वीं लोकसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन अपने संबोधन में कहा कि इस लोकसभा में 97 प्रतिशत उत्पादकता रही, जिसमें विशेष रूप से महिला सांसदों की भागीदारी रही। सदन की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी और विभिन्न दलों के नेता उपस्थित थे।

ओम बिरला बोले – नारी वंदन विधेयक‘ महिला सशक्तीकरण में अभूतपूर्व उपलब्धि

ओम बिरला ने कहा, ‘यह हमारे लिए गर्व का विषय रहा कि इस सत्र में नारी वंदन विधेयक पारित हुआ…यह महिला सशक्तीकरण में अभूतपूर्व उपलब्धि थी। कई ऐतिहासिक विधेयक इस लोकसभा में पारित किए गए। हमने भारतीय चिंतन को आगे बढ़ाने के लिए कानून पारित किए।’

उन्होंने कहा, ‘17वीं लोकसभा इसलिए भी विशेष है कि भारत के अमृतकाल में संसद के पुराने भवन और नए भवन दोनों में अपने संसदीय दायित्वों को हमने निभाया।’ उन्होंने कहा कि इस लोकसभा में पहली बार शून्यकाल में सरकार ने सकारात्मक उत्तर देकर नई परंपरा शुरू की।

भविष्य में सभी सदस्यों से सदन की मर्यादा और गरिमा बनाए रखने की उम्मीद

बिरला ने भावुक होते हुए कहा कि संसद के सभी सदस्यों से उनका जुड़ाव हो गया है और सभी परिवार की तरह बन गए हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में कुछ सदस्यों को अनुशासनहीनता के लिए निलंबित किए जाने जैसे फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से कभी इस तरह के कदम उठाने के पक्षधर नहीं रहे और उन्हें इस तरह के फैसलों का दुख हुआ। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि भविष्य में सभी सदस्य इस सदन की मर्यादा और गरिमा को बनाकर रखेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘इस सदन की उच्च परंपरा, परिपाटियां और प्रतिष्ठा रही हैं। मैंने भी पूर्ववर्ती अध्यक्षों की तरह इन्हें बनाकर रखने का प्रयास किया है।’

राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ 31 जनवरी को शुरू हुआ था बजट सत्र

बजट सत्र गत 31 जनवरी को राष्ट्रपति द्वारा संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ शुरू हुआ। नए संसद भवन में यह राष्ट्रपति का पहला अभिभाषण था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया। दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई और जिसका जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया। इसी के साथ दोनों सदनों में अंतरिम बजट एवं जम्मू कश्मीर के अंतरिम बजट पर चर्चा कर उन्हें मंजूरी दी गई।

बजट सत्र के दौरान, परीक्षापत्रों को लीक होने से रोकने के मकसद से लाए गए लोक परीक्षा अनुचित साधनों का निवारण विधेयक 2024, विभिन्न जातियों को अनुसूचित जाति एवं जनजाति की सूची में डालने से संबंधित विधेयक सहित प्रमुख विधेयक पारित किये गए। इस सत्र के दौरान अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में सरकार द्वारा लाए गए श्वेत पत्र तथा अयोध्या में ‘श्रीराम मंदिर के ऐतिहासिक मंदिर निर्माण और श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा’ के बारे में भी चर्चा हुई। सत्र नौ फरवरी तक प्रस्तावित था, लेकिन बाद में इसे एक दिन के लिए शनिवार तक बढ़ा दिया गया।

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