मुंबई, 8 दिसम्बर। प्रधानमंत्री मोदी पिछले दिनों AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दुरुपयोग को लेकर सख्त बयान दे चुके हैं। उन्होंने इसपर नियंत्रण की जरूरत को रेखांकित करते हुए एक गाइडलाइन की बात भी कही थी।
सोशल मीडिया पर AI पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समिट’ में शामिल होने का न्योता देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘इंडिया एक युवा देश है जहां टैलेंटेड वर्कफोर्स और वाइब्रेंट स्टार्टअप इकोसिस्टम मौजूद है और AI के विकास में भारत अपना एक अहम योगदान देगा। दिल्ली में अगले हफ्ते 12 दिसम्बर से AI कार्यक्रम शुरू होने वाला है, जिसमें 28 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।’
We live in interesting times and making it even more interesting is AI, which has a positive impact on
tech 🖥️,
innovation 🧪,
healthcare 🩺,
education 📖,
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— Narendra Modi (@narendramodi) December 8, 2023
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, ‘AI के सकारात्मक परिणाम टेक, इनोवेशन, हेल्थकेयर, एजुकेशन और कृषि जैसे क्षेत्रों में देखे जा रहे हैं। लेकिन इसके दुरुपयोग पर भी ध्यान देने की जरूरत है।’ पीएम मोदी की यह चिंता लोगों को डीपफेक जैसे स्कैन से बचने में राहत दिलाने में काफी मदद करेगा।
प्रधानमंत्री ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में दुनिया को आश्वस्त करते हुए कहा, ‘AI के क्षेत्र में भारत अपने नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाना चाहता है। इसका हर क्षेत्र में सकारात्मक उपयोग किया जा सकता है। भारत विभिन्न उत्पादक उद्देश्यों के लिए AI का उपयोग कर रहा है।’
हाल ही में अभिनेत्री रश्मिका मंदाना, कैटरीना कैफ, काजोल व प्रियंका चोपड़ा का डीपफेक वीडियो सामने आने पर सनसनी मच गई। यही वजह है कि AI के दुरुपयोगों को लेकर भी वैश्विक स्तर पर चिंताएं उभरी हैं और विशेषज्ञों से लेकर सरकार तक रास्ता निकालने में जुटी हैं।