महाराष्ट्र में संविदा भर्ती का GR रद, डिप्टी सीएम फडणवीस बोले – ‘यह पाप हमारे पर नहीं लगना चाहिए’
मुंबई, 20 अक्टूबर। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में बेहद विवादास्पद हो चुकी संविदा भर्ती जीआर को रद करने का फैसला लिया है। फडणवीस ने साथ ही यह भी आरोप लगाया कि राज्य में संविदा भर्ती के लिए कांग्रेस, ठाकरे समूह और शरद पवार 100 प्रतिशत दोषी हैं। इसलिए, यह पाप मौजूदा सरकार पर नहीं लगना चाहिए।
संविदा भर्ती कांग्रेस और NCP का पाप
उल्लेखनीय है कि शिंदे-फडणवीस सरकार द्वारा चल रही संविदा भर्ती के खिलाफ विपक्ष ने आवाज बुलंद की है। उसी कड़ी में देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जवाब दिया और संविदा भर्ती को लेकर उद्धव ठाकरे व शरद पवार पर निशाना साधा है।
फडणवीस ने कहा, ‘कांग्रेस ने संविदा भर्ती के लिए पहला जीआर जारी किया था। ठेकेदारी का पाप कांग्रेस और एनसीपी पर है और अब वे खुद ही इसका विरोध कर रहे हैं। संविदा भर्ती कांग्रेस और एनसीपी का पाप है। उनके पाप का बोझ हमारी सरकार क्यों उठाए?’ यह सवाल पूछकर फडणवीस ने संविदा भर्ती रद करने की घोषणा कर दी है।
कांग्रेस ने निकाला था संविदा भर्ती का पहला GR
डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा कि संविदा भर्ती को लेकर पहला जीआर 13 मार्च, 2003 को जारी किया गया था। तत्कालीन कांग्रेस और शरद पवार की सरकार में संविदा भर्ती की गई थी। वर्ष 2010 में अशोक चह्वाण ने पहला जीआर निकाला था। 6000 संविदा पदों का जीआर जारी किया गया। कांग्रेस और शरद पवार के एनसीपी काल में संविदा शिक्षा भर्ती का जीआर निकाला गया था।’
फडणवीस ने कहा, ‘वर्ष 2014 में फिर जब पृथ्वीराज चह्वाण मुख्यमंत्री थे, तब एमसीए, डाटा एंट्री ऑपरेटर आदि विभिन्न पदों के लिए अनुबंध भर्ती जीआर जारी किया गया था। एक सितम्बर, 2021 को जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब संविदा भर्ती के लिए जीआर जारी किया गया था। 15 साल के लिए संविदा भर्ती के लिए एक एजेंसी बनाई गई थी। हमारी सरकार आने के बाद मैंने देखा कि एजेंसी का रेट ज्यादा है। संविदा भर्ती कांग्रेस ने शुरू की थी और अब इसका विरोध कर रही है। संविदा भर्ती रद करने का निर्णय लिया गया है क्योंकि हमारी सरकार उनके पाप का बोझ नहीं उठाएगी।’