भारत के लिए दोहरी खुशी : शांतिनिकेतन के बाद होयसला मंदिर समूह भी UNESCO लिस्ट में शामिल
नई दिल्ली, 18 सितम्बर। भारत को लगातार दूसरे दिन गौरव प्रदान करने वाली खबर मिली, जब शांति निकेतन के बाद कर्नाटक में होयसला के पवित्र मंदिर समूह को भी यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कर लिया गया।
बेलूर, हलेबिड और सोमनाथपुरा के होयसला मंदिरों को UNESCO की लिस्ट में जगह मिली है। ये देश की समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की गवाही देते हैं। होयसला मंदिर 12वीं-13वीं शताब्दी में बनाए गए थे। होयसला राजवंश कला और साहित्य के संरक्षक माने जाते रहे, जिनकी यह राजधानी थी। होयसला के ये पवित्र स्मारक 15 अप्रैल,2014 से ही यूनेस्को की संभावित सूची में शामिल थे।
इस बीच होयसला मंदिरों के समूह को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘भारत के लिए यह बड़े गौरव की बात है! होयसला के पवित्र स्मारकों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। होयसला मंदिरों की शाश्वत सुंदरता और जटिल विवरण भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रमाण है। यह हमारे पूर्वजों की असाधारण शिल्प कौशल को भी दर्शाता है।’
More pride for India!
The magnificent Sacred Ensembles of the Hoysalas have been inscribed on the @UNESCO World Heritage List. The timeless beauty and intricate details of the Hoysala temples are a testament to India's rich cultural heritage and the exceptional craftsmanship of… https://t.co/cOQ0pjGTjx
— Narendra Modi (@narendramodi) September 18, 2023
होयसला मंदिर संरक्षित स्मारक पहले ही घोषित
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के तहत तीन होयसला मंदिरों को संरक्षित स्मारक पहले ही घोषित किया जा चुका है। एएसआई की ओर से इनका संरक्षण और रखरखाव किया जाता है। कुछ दिनों पहले ही केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्री जी किशन रेड्डी ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के बेलूर, हलेबिड और सोमनाथपुरा के भव्य होयसला मंदिरों को 2022-2023 के लिए विश्व धरोहर स्थलों के लिए नामांकन के लिए अंतिम रूप दिया गया है।
एक दिन पहले शांतिनिकेतन को यूनेस्को सूची में शामिल किया गया था
इससे पहले, रविवार को पश्चिम बंगाल के बीरभूमित जिले में स्थित शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया था। शांतिनिकेतन में ही कविवर रवींद्रनाथ टैगोर ने एक सदी पहले विश्वभारती की स्थापना की थी। यूनेस्को ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में यह घोषणा की। UNESCO ने कहा, ‘यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शांतिनिकेतन शामिल। भारत को बधाई।’
शांतिनिकेतन को इस सूची में शामिल करने का निर्णय सऊदी अरब में विश्व धरोहर समिति के 45वें सत्र के दौरान लिया गया। कोलकाता से 160 किमी दूर शांतिनिकेतन मूल रूप से रवींद्रनाथ टैगोर के पिता देबेंद्रनाथ टैगोर द्वारा बनाया गया एक आश्रम था, जहां जाति और पंथ से परे कोई भी आ सकता था और शिक्षा ले सकता था।