सीएम नीतीश कुमार बोले – ’14 टीवी एंकरों के बहिष्कार की मुझे जानकारी नहीं, मैं पत्रकारों के समर्थन में हूं’
पटना, 16 सितम्बर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों के उस फैसले की जानकारी नहीं है, जिसमें उन्होंने देश के 14 टेलीविजन एंकरों के कार्यक्रमों के बहिष्कार की घोषणा की है। नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा, ‘मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है…मैं पत्रकारों के समर्थन में हूं।’
‘अभी जो लोग केंद्र में हैं उन्होंने कुछ लोगों को नियंत्रित किया है‘
सीएम नीतीश ने कहा, ‘जब सभी को पूर्ण स्वतंत्रता मिलेगी, तो पत्रकार वही लिखेंगे, जो उन्हें पसंद है। क्या वे हैं? नियंत्रित? क्या मैंने कभी ऐसा किया है? उनका अधिकार है, मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं। अभी जो लोग केंद्र में हैं उन्होंने कुछ लोगों को नियंत्रित किया है… जो हमारे साथ हैं, उन्हें लगा होगा कि कुछ हो रहा है। हालांकि, मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं। यदि पत्रकारों को पूरी आजादी है तो वे वही लिखेंगे, जो उन्हें पसंद है। सबके अपने अधिकार हैं।’
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर नीतीश कुमार ने कहा, ‘वह (अमित शाह) कुछ भी बोलते हैं, हम उन लोगों की किसी बात पर ध्यान नहीं देते। बिहार का कितना विकास हो रहा है, देश में क्या हो रहा है, उन्हें कोई जानकारी है? कई दल एकजुट हो रहे हैं इसलिए वे घबराए हुए हैं।
अमित शाह ने दिन में मधुबनी जिले के झंझारपुर स्टेडियम में भाजपा की ओर से आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए बिहार सरकार और नीतीश कुमार पर जमकर प्रहार करते हुए कहा था कि राज्य में फिर जंगलराज की वापसी हो रही है। अब लालू प्रसाद यादव सक्रिय हो उठे हैं और नीतीश कुमार डिएक्टिव हो गए हैं।
उल्लेखनीय है कि विपक्षी गठबंधन की मीडिया समिति ने दो दिन पूर्न एक बयान में कहा था, “13 सितम्बर, 2023 को अपनी बैठक में ‘इंडिया’ समन्वय समिति द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार विपक्षी गठबंधन के दल 14 एंकरों के शो और कार्यक्रमों में अपने प्रतिनिधि नहीं भेजेंगे।’ इसने बयान में 14 एंकरों की एक सूची भी जारी की थी।
‘इंडिया’ गठबंधन ने जारी की 14 टीवी पत्रकारों की लिस्ट, इन एंकरों और टीवी शो के बहिष्कार का फैसला
हालांकि INDIA के इस फैसले की मीडिया संगठनों और भाजपा ने कड़ी आलोचना की है। न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (एनबीडीए) ने कहा कि बहिष्कार का यह फैसला एक खतरनाक मिसाल साबित होगा और यह लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ है। वहीं भाजपा के प्रमुख प्रवक्ता एवं सांसद अनिल बलूनी ने एक बयान जारी कर कहा कि विपक्षी दलों ने अपनी दमनकारी, तानाशाही और नकारात्मक मानसिकता का प्रदर्शन किया है। बलूनी ने कहा कि भाजपा ऐसी विकृत मानसिकता का कड़ा विरोध करती है जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाती है।