भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया को आगरा कोर्ट से मिली राहत, सांसदी जाने से बच गई
आगरा, 7 अगस्त। एमपी-एमएलए कोर्ट से दो वर्ष की सजा पाए इटावा से भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया को आगरा की जिला अदालत ने सोमवार को बड़ी राहत दी। जिला अदालत द्वारा एमपी-एमएलए कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के साथ ही कठेरिया की सांसदी जाते-जाते बच गई। भाजपा सांसद को यदि सजा होती तो वह अगले आठ वर्ष तक चुनाव भी नहीं लड़ पाते।
आगरा की जिला अदालत ने कहा, ‘जब तक अपील का निस्तारण नहीं हो जाता, तब तक उनकी सजा पर रोक बरकरार रहेगी।’ 12 वर्ष पहले के मारपीट और बलवा के मामले में आगरा के एमपी-एमएलए कोर्ट ने बीते शनिवार, पांच अगस्त को रामशंकर कठेरिया को दो वर्ष की सजा सुनाई थी। हालांकि, सांसद को तुरंत जमानत भी मिल गई थी। उन्होंने एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले को जिला अदालत में चुनौती दी थी।
2 वर्ष या ज्यादा की सजा पर खुद समाप्त हो जाती है सदस्यता
रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951 की धारा 8 (3) के अनुसार यदि किसी सांसद या विधायक को किसी अपराध में दोषी ठहराया जाता है और उसे दो वर्ष या इससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है, तो उसकी संसद या विधानसभा की सदस्यता खुद ही समाप्त हो जाती है। नियम के तहत जिस दिन सदस्य को दोषी ठहराया गया है, उसी दिन से सदस्यता रद की जा सकती है। सपा प्रमुख अखिलेश और कांग्रेस नेता इसी को आधार बनाकर भाजपा को घेर रहे हैं।
विक्रम सैनी को सजा पर भी सपा ने की थी घेराबंदी
यह पहला मौका नहीं है, जब भाजपा के किसी सांसद या विधायक की सदस्यता जाने पर विपक्ष सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है। इससे पहले जब पिछले साल खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सैनी को कोर्ट ने दो वर्ष की सजा सुनाई थी, तब भी सदस्यता रद करने का नोटिफिकेशन विधानसभा की ओर से काफी देर में जारी किया गया, जिसे लेकर आरएलडी ने तमाम सवाल खड़े किए थे। हालांकि उन सवालों के बाद विक्रम सैनी की सदस्यता समाप्त हो गई थी।
इटावा के भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया को दो वर्ष की सजा, खत्म हो सकती है संसद सदस्यता
वहीं बीते साल आजम खान को दो वर्ष से ज्यादा की सजा मिलने पर उनकी सदस्यता को तुरंत ही समाप्त कर दिया गया था। अब सांसद कठेरिया की सदस्यता खत्म होने का नोटिफिकेशन जारी नहीं होने के चलते विपक्ष सत्ता पक्ष पर हमलावर है। फिलहाल कठेरिया को फौरी तौर पर राहत मिल गई है।