संसद सत्र के बीच INDIA का दांव : हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा करेगी विपक्षी सांसदों की टीम
नई दिल्ली, 27 जुलाई। संसद के मॉनसून सत्र के दौरान मणिपुर की घटना को लेकर जारी संग्राम के बीच विपक्षी गठबंधन INDIA ने बड़ा दांव खेल दिया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक विपक्षी गठबंधन के सांसद 29 व 30 जुलाई को हिंसाग्रस्त मणिपुर का दौरा करेंगे।
उल्लेखनीय है कि संसद सत्र के दौरान विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लगातार जवाब मांग रहा है। इसी क्रम में बुधवार को कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मोदी सरकार के खिलाफ मणिपुर की घटना को लेकर ही अविश्वास प्रस्ताव भी पेश कर दिया। अब INDIA के सांसदों का मणिपुर जाने का एलान केंद्र सरकार को घेरने के बड़े प्लान के रूप में देखा जा रहा है।
इस बीच मणिपुर की घटना पर सरकार के खिलाफ विरोध जताने के लिए गुरुवार को विपक्षी सांसद काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचे थे। उधार गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सरकार सदन में बयान देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि मुद्दे को लेकर चर्चा हो, लेकिन विपक्ष कोई भी चर्चा नहीं करना चाहता है, इसीलिए सदन की कार्यवाही को ठीक तरीके से चलने नहीं दे रहा है। विपक्ष पीएम मोदी के बयान को लेकर ही अड़ा हुआ है। ऐसे में विरोध करने के लिए विपक्षी सांसद काले कपड़े पहनकर संसद पहुंच गए।
राहुल गांधी भी पिछले माह कर चुके हैं मणिपुर का दौरा
स्मरण रहे कि जून के आखिर में राहुल गांधी भी मणिपुर दौरे पर गए थे। उन्होंने राहत शिविरों में लोगों के साथ मुलाकात की थी। उनके चुराचांदपुर पहुंचने से पहले उनका काफिला रोक लिया गया था। इसके बाद उन्हें वापस इम्फाल एयरपोर्ट पर लौटना पड़ा और हेलीकॉप्टर से जाना पड़ा। ऐसे में इस बात की आशंका रहेगी कि विपक्षी सांसदों को भी सुरक्षा का हवाला देकर रोकने की कोशिश हो सकती है। हालांकि यदि ऐसा किया जाता है कि संसद में हंगामा और बढ़ जाएगा।
देखा जाए तो बेंगलुरु में विपक्षी एकता की दूसरी बैठक के बाद शुरू हुए मॉनसून सत्र में विपक्षी दल एकजुट नजर आ रहे हैं। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले भी सभी दल रणनीति तय करते हैं। हालांकि बाद में संसद भवन में हंगामे के अलावा कुछ नहीं हो पाता। बीते दिनों आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को हंगामे की ही वजह से पूरे सत्र के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने उनके समर्थन में रातभर धरना दिया। अब देखना है कि INDIA के सांसदों का यह दांव सरकार को घेरने में कितना कारगर साबित होगा।