अमदावाद, प्रधानमंत्री के जन्मदिवस पर इंडिया इंटरनेशल सेंटर में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी, पुस्तक विमोचन एवं पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए समाजसेवी संजय शेरपुरिया ने कहा कि देश में ऐसी पहली घटना है कि एक सामान्य गरीब परिवार एवं पिछड़ी जाति का व्यक्ति, अपनी कड़ी मेहनत, सच्चे देशप्रेम और अनवरत प्रयत्नों के जरिये देश के प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचा हो।
उन्होंने कहा कि, एक व्यक्ति जो रात को आठ बजे नोटबंदी का एलान करता है और दूसरे दिन से देश के करोडों लोग बैकों की लाइनों में खड़े हो जाते हैं, एक व्यक्ति थाली-घंटा बजाने का एलान करता है और सारा देश उसी समय थाली बजाने के लिए तत्पर होता है, एक व्यक्ति अपने घर में दिया जलाने को बोलता है और सारे भारतवर्ष में उसी समय दिया जलने लगता है, एक व्यक्ति तिरंगा फहराने को बोलता है और करोडों देशवासियों के घर, दुकान, फैक्टरी, वाहन और ऑफिस पर तिरंगा लहराने लगता है, यह जादू नहीं है बल्कि एक व्यक्ति का समाज और देश के प्रति विश्वास सम्पादन है।
उन्होंने कहा कि, चाहे हम एक नये भारत के निर्माण की अवधारणा की बात करें या आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की, हम मानवता, शांति और समृद्धि के साथ सेवा और सुरक्षा के मामले में भारतीय दर्शन के अनुसार एक विश्व प्रणेता होने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इन सभी लक्ष्यों को तभी साकार किया जा सकता है, जब देश के नागरिक अपने अधिकारों की बात करने के साथ-साथ अपने संवैधानिक कर्तव्यों के प्रति पूरी तरह से गंभीर और जागरूक हों। यह राष्ट्र निर्माण और इसके विकास के लिए जरूरी है। हालांकि नये भारत की पहचान और लक्ष्य को लेकर प्रधान सेवक नरेन्द्र मोदी जी और उनकी सरकार के 8 सालों के शासन काल में बदलाव की बयार बह रही है और भारत को एक नई पहचान मिली है।
संजय शेरपुरिया ने कहा कि, 2014 के बाद नरेंद्र मोदी का भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के साथ ही यह स्पष्ट हो गया था कि वे देश की बेहतरी के लिए कुछ अलग करने के लिए कृत संकल्पित हैं। आज आठ साल में राजनीतिक अस्थिरता समाप्त हो गई। भ्रष्टाचार पर प्रभावी रूप से अंकुश लगा है, देश के दुश्मनों को कड़ा संदेश दिया गया है कि हिमाकत करने वालों को मुहतोड़ जबाव दिया जायेगा। अर्थव्यवस्था को मजबूत किया गया है। भारत की वैश्विक रैंकिंग में सुधार हुआ है। आज देश का नेतृत्व भारत की सुरक्षा, आर्थिक प्रगति, युवा विकास, किसानों की खुशी और भारत के करोड़ों गरीब नागरिकों के जीवन की बेहतरी के लिए अपनी पूरी ताकत और क्षमता लगा रहा है।
उन्होंने कहा कि, 370 को निरस्त किया, पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक किया, तीन तलाक पर कानून बनाया।जीएसटी लागू करना, नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू करना, कोरोना से निपटना और इससे प्रभावित गरीबों को आश्रय प्रदान करना, आयुष्मान भारत योजना इत्यादि कई फैसलों ने न केवल देश को मजबूत किया, बल्कि साबित किया कि सरकार की नीतियां और इरादे सुशासन के लिए समर्पित हैं। इन रचनात्मक कल्याणकारी योजनाओं ने देश का चेहरा बदल दिया है।
संजय शेरपुरिया ने कहा कि भारत हमेशा से ही विश्वगुरु रहा है जिसका केंद्र बिंदु अध्ययन, आराध्य और आध्यात्म का समायोजन है। यदि हम इसपर अमल करें तो ये अध्ययन, आराध्य और आध्यात्म का समायोजन भारत को फिर से विश्वगुरु बना सकता है। भारत की सनातन संस्कृति हजारों साल पुरानी है जिस समय विश्व की आज की तथाकथित सभ्यताओं का आरंभ भी नही हुआ था। उन्होंने कहा कि समाज में बढ़ते राजनैतिक और धार्मिक भेदभाव और इतिहास में वर्णित विसंगतियों ने भारत की उस महान संस्कृति को पिछले वर्षों मे खो दिया था। साथ ही भारत के भौगोलिक परिवर्तन ने भी देश को अनेकानेक भीतरी और बाहरी समस्याओं जैसे पाकिस्तान की समस्या, चीन की कारस्तानियां, कश्मीरी घुसपैठ की चुनौती, राजनैतिक इच्छाशक्ति का अभाव आदि के कारण देश विश्वपटल पर हाशिये पर चला गया था।