राष्ट्रपति चुनाव : ‘विपक्षी मोर्चा’ में बिखराव, ममता की बैठक में ‘आप’ और टीआरएस समेत ये पार्टियां शामिल नहीं होंगी
नई दिल्ली, 15 जून। राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर आम सहमति बनाने के लिए तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से बुधवार को आहूत विपक्षी दलों की बैठक में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), बीजू जनता दल (बीजद), आम आदमी पार्टी (आप) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेताओं के शामिल होने की संभावना नहीं है।
ममता बनर्जी ने 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए पिछले हफ्ते विपक्षी दलों को एक करने के मकसद से राष्ट्रीय राजधानी के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आज शाम आहूत एक बैठक के लिए सात मुख्यमंत्रियों सहित 19 राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रित किया था। तीनों पार्टी से जुड़े सूत्रों के अनुसार, टीआरएस, बीजद, ‘आप’ और शिअद के नेता बैठक में शामिल नहीं होंगे। बीजद के एक नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि पार्टी को अब तक उनके प्रमुख नवीन पटनायक से कोई निर्देश नहीं मिला है। वहीं, वरिष्ठ नेता पिनाकी मिश्रा भी देश में नहीं हैं।
बैठक में 7 मुख्यमंत्रियों सहित 19 राजनीतिक दलों के नेताओं को न्यौता
बैठक में अरविंद केजरीवाल (आप), नवीन पटनायक (बीजद), के. चंद्रशेखर राव (टीआरएस), एम के. स्टालिन (द्रविड़ मुनेत्र कषगम), उद्धव ठाकरे (शिवसेना), हेमंत सोरेन (झारखंड मुक्ति मोर्चा), अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी), डी. राजा (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी), शरद पवार (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी), लालू प्रसाद (राष्ट्रीय जनता दल), जयंत चौधरी (राष्ट्रीय लोक दल), पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और एचडी कुमारस्वामी (जनता दल (सेक्युलर)), फारूक अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस), महबूबा मुफ्ती (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी), सुखबीर सिंह बादल (शिअद), पवन चामलिंग (सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट) और के. एम. कादर मोहिदीन (इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग) को आमंत्रित किया गया है।
बसपा व एआईएमआईएम जैसे कुछ दलों को आमंत्रण नहीं
बैठक में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) जैसे कुछ दलों को आमंत्रित नहीं किया गया है। बैठक से एक दिन पहले, बनर्जी तथा वामपंथी पार्टी के नेताओं ने राकांपा प्रमुख शरद पवार से उनके आवास पर अलग-अलग मुलाकात की और उन्हें शीर्ष संवैधानिक पद के लिए विपक्ष का उम्मीदवार बनने के वास्ते मनाने की कोशिश की।
सत्तारूढ़ राजग के पास निर्वाचक मंडल के लगभग आधे वोट
सत्तारूढ़ राजग के पास निर्वाचक मंडल के लगभग आधे वोट हैं। यदि उसे बीजद, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) जैसे दलों का समर्थन मिल जाता है तो उसके उम्मीदवार के राष्ट्रपति चुनाव में जीत सुनिश्चित हो सकती है।