पीएम मोदी ने जारी की किसान सम्मान निधि की 11वीं किस्त, 10 करोड़ से ज्यादा किसानों के खातों में पहुंचे 21 हजार करोड़ रुपये
शिमला, 31 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यहां एक समारोह में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 11वीं किस्थ जारी की। इसके तहत 10 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में 21,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए।
केंद्र में एनडीए सरकार की आठवीं वर्षगांठ के अवसर पर शिमला के रिज मैदान में आयोजित ‘गरीब कल्याण सम्मेलन’ में हिस्सा लेने शिमला पहुंचे पीएम मोदी ने विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बातचीत की।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि अभी देश के करोड़ों किसानों के खातों में पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा ट्रांसफर हो गया। पैसा उनको मिल भी गया और आज मुझे शिमला की धरती से देश के 10 करोड़ से भी ज्यादा किसानों के खातों में पैसे पहुंचाने का सौभाग्य मिला है।
सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने देशभर के जन प्रतिनिधियों से सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कल्याण कार्यक्रमों के बारे में प्रतिक्रिया मांगी। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार सम्मेलन का प्रयास सरकारी कार्यक्रमों की पहुंच और वितरण को और अधिक कुशल बनाना था ताकि देश के नागरिकों के जीवन को आसान बनाया जा सके।
‘एक ऐसा भारत बनाना है, जिसकी पहचान अभाव नहीं बल्कि आधुनिकता हो‘
पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारी योजना देश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज तैयार करने की है। हमें 21वीं सदी के बुलंद भारत के लिए, आने वाली पीढ़ियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए काम करना है। एक ऐसा भारत, जिसकी पहचान अभाव नहीं बल्कि आधुनिकता हो।’
‘हम वोटबैंक बनाने के लिए नहीं, नए भारत को बनाने के लिए काम कर रहे‘
उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में दशकों तक वोटबैंक की राजनीति हुई है। अपना-अपना वोटबैंक बनाने की राजनीति ने देश का बहुत नुकसान किया है। हम वोटबैंक बनाने के लिए नहीं, नए भारत को बनाने के लिए काम कर रहे हैं। हमने शत प्रतिशत लाभ, शत प्रतिशत लाभार्थी तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है, लाभार्थियों के सैचुरेशन का प्रण लिया है। शत प्रतिशत सशक्तिकरण यानि भेदभाव खत्म, सिफारिशें खत्म, तुष्टिकरण खत्म। शत प्रतिशत सशक्तिकरण यानी हर गरीब को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ।’
‘हमने भ्रष्टाचार की गुंजाइश को कम से कम कर दिया है‘
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘सरकारी पीएम आवास योजना हो, स्कॉलरशिप देना हो या फिर पेंशन योजनाएं, टेक्नोलॉजी की मदद से हमने भ्रष्टाचार की गुंजाइश को कम से कम कर दिया है। जिन समस्याओं को पहले स्थाई मान लिया गया था, हम उसके स्थाई समाधान देने का प्रयास कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि वक्त बदल चुका है। आज चर्चा होती है सरकारी योजनाओं से मिलने वाले लाभ की। आखिरी घर तक पहुंचने का प्रयास होता है। दुनिया में आज भारत के स्टार्ट अप की चर्चा होती है। वर्ल्ड बैंक भी चर्चा करता है भारत के इज ऑफ डूइंग बिजनेस की।