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सपा अध्यक्ष को लगता है कि मुसलमान उनकी जेब में हैं : मायावती

सपा अध्यक्ष को लगता है कि मुसलमान उनकी जेब में हैं : मायावती

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अमरोहा, 5 फरवरी। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में पार्टी की ओर से सभी समाज के लोगों को टिकट दिये जाने का दावा करते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) पर मुसलमानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।

मायावती ने शनिवार को अमरोहा में सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए मुस्लिम समाज से पूछा, “उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार हटने पर भाजपा के सत्ता में आने के बाद मुसलमानों ने सपा का सबसे ज्यादा साथ दिया, यह सबको मालूम है, लेकिन उसके बदले में मुस्लिम समाज को सपा से क्या मिला? मुस्लिम समाज के लोगों से मैं यह पूछना चाहती हूं कि सपा ने उत्तर प्रदेश में कितने टिकट मुस्लिम समाज के लोगों को दिये।”

बसपा प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने यहां पहुंची पार्टी सुप्रीमो ने सपा पर मुजफ्फरनगर कांड की आड़ में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का भाईचारा खत्म करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह घटना पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुए दंगे का सबसे बड़ा उदाहरण है। मायावती ने कहा कि मुजफ्फरनगर कांड में जाटवों के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय को भी जान माल का बहुत नुकसान हुआ।

उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर, शामली और कैराना में वर्षों से भाईचारा बना हुआ था लेकिन सपा की सरकार में इस भाई चारे को मुजफ्फरनगर कांड की आड़ में खत्म किया गया। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में मुस्लिम समाज के लोगों को आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए था, लेकिन उन्हें यह मौका नहीं दिया गया।

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि सहारनपुर मंडल में ही मुस्लिम समुदाय के लोग सपा के सुख-दुःख में हमेशा साथ खड़े रहे। चुनाव में जब टिकट देने की बात आयी, तब सपा द्वारा मुसलमानों को ना के बराबर टिकट दिये गये। उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम लिये बिना आरोप लगाया कि सपा के मुखिया को लगता है कि मुसलमान उनकी जेब में हैं। इनको टिकट दें या ना दें, इससे कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है।

मायावती ने कहा, “मैं अपने मुस्लिम भाइयों को यह बताना चाहती हूँ, खासतौर से सहारनपुर मंडल के मुस्लिम भाइयों को कि आप लोगों को अब सपा के मुखिया को यह बता देना है कि मुस्लिम समाज उनकी जेब में नहीं है। वह अपने अधिकारों के लिए सजग है और यह मुस्लिम समाज उसी पार्टी के साथ जाएगा जो पार्टी मुस्लिम समुदाय की जान-माल और मजहब की हिफाजत करने के साथ उन्हें आगे बढ़ने का मौका देती है, और वह पार्टी बसपा है।”

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