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मध्य प्रदेश में टलेंगे पंचायत चुनाव, शिवराज कैबिनेट ने वापस लिया अध्यादेश

मध्य प्रदेश में टलेंगे पंचायत चुनाव, शिवराज कैबिनेट ने वापस लिया अध्यादेश

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भोपाल, 26 दिसंबर। ओबीसी आरक्षण पर चल रहे सियासी घमासान को देखते हुए मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने पंचायत चुनाव को टालने का फैसला लिया है। इस क्रम में राज्य कैबिनेट ने रविवार को अपनी बैठक में पूर्व पारित अध्यादेश को वापस ले लिया और इसे अनुमोदन के लिए राज्यपाल को भेज दिया। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव को निरस्त करने का फैसला करेगा।

हालांकि पंचायत चुनाव को टाले जाने का एक कारण यह भी माना जा रहा है कि इंदौर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के आठ नए केस सामने आए हैं। इससे शिवराज सरकार में अलर्ट मोड में आ गई है।

राज्य सरकार ने पिछले माह पंचायत चुनाव का अध्यादेश पारित किया था

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर पिछले महीने राज्य सरकार ने अध्यादेश पारित कर पंचायत चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया था, जिसमें कमलनाथ सरकार के परिसीमन को निरस्त कर दिया था। इसके बाद चार दिसंबर को राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव कार्यक्रम का एलान किया था। तीन चरणों में पंचायत चुनाव का कार्यक्रम घोषित भी कर दिया गया था।

रविवार को कैबिनेट बैठक में नवंबर महीने के अध्यादेश के विधानसभा में पारित नहीं हो पाने की स्थिति में उसकी वापसी का प्रस्ताव रखा गया था। पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने प्रस्ताव रखा और कैबिनेट ने इसे पारित करते हुए राज्यपाल के अनुमोदन के लिए भेज दिया।

परिसीमन और रोटेशन पर अदालत गई थी कांग्रेस

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य व वकील विवेक तन्खा, पीसीसी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष सैयद जाफर ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। कोर्ट से कई बार की सुनवाई में उन्हें राहत नहीं मिली थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के मामले में महाराष्ट्र के अपने फैसले का हवाला देकर राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने का फैसला सुनाया था। इससे ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव कराने की स्थिति बन गई थी और फिर राज्य निर्वाचन आयोग ने ओबीसी पदों को छोड़कर चुनाव प्रक्रिया को जारी रखा।

पहले से बन रही थी पंचायत चुनाव टालने की भूमिका

हालांकि ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव पर भाजपा के नेता ही विरोध में उतर आए थे। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का बड़ा बयान भी आया था। इसके बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने कोरोना की तीसरी लहर और ओमिक्रॉन की आशंकाओं के चलते पंचायत चुनाव नहीं कराने की मंशा जाहिर की थी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी ऐसे ही संकेत दिए थे। इस तरह पंचायत चुनाव नहीं कराने की भूमिका काफी समय से बन रही थी, जिसपर आज मुहर लगा दी गई।

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