लोकतंत्र पर शिखर सम्मेलन में बोले पीएम मोदी – भारत के सभ्यतागत लोकाचार लोकतंत्र के मूल स्रोतों में निहित
नई दिल्ली, 10 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है भारत के सभ्यतागत लोकाचार लोकतंत्र के मूल स्रोतों में निहित हैं और कानून के प्रति सम्मान सहित लोकतांत्रिक मूल्य भारतीयों के आचरण में रचे बसे हैं। उन्होंने अमेरिका द्वारा वर्चुअल माध्यम से आयोजित लोकतंत्र पर पहले शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र में भागीदारी करते हुए ये बातें कहीं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के निमंत्रण पर पीएम मोदी आज शाम भी इस शिखर सम्मेलन में अपना वक्तव्य देंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि 75 वर्ष पहले इसी दिन भारत की संविधान सभा का पहला सत्र आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि भारतवंशी अन्य देशों में भी इस भावना को साथ ले गए हैं और उन देशों के आर्थिक हित और सामाजिक एकता में योगदान कर रहे हैं।
लोकतांत्रिक देशों के संविधान में निहित मूल्यों के अनुपालन पर जोर
प्रधानमंत्री ने लोकतांत्रिक देशों द्वारा अपने संविधान में निहित मूल्यों के अनुपालन पर जोर दिया। उन्होंने संवेदनशीलता, जवाबदेही, भागीदारी और सुधार को भारतीय लोकतांत्रिक शासन के चार स्तंभ बताया। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक सिद्धांत वैश्विक सुशासन के मार्ग दर्शक सिद्धांत होने चाहिए।
सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति की मेजबानी में प्रमुख नेताओं के पूर्ण सत्र में शामिल होने के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। इस सत्र में भारत सहित 12 प्रमुख देश शामिल हुए थे।