रामायण में भारतीय परम्परा के मूल्यों और संस्कृति का समावेश : राष्ट्रपति कोविंद
अयोध्या, 29 अगस्त। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि रामायण में भारतीय परम्परा के मूल्यों और संस्कृति का समावेश है और ये विश्व के लिए हमेशा प्रासांगिक रहेंगे। रविवार को यहां रामकथा पार्क में रामायण सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर अपने संबोधन में ये बातें कहीं। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के 17 जिलों में रामायण कॉन्क्लेव की शुरुआत हुई।
अयोध्या में रामायण कॉन्क्लेव का किया उद्घाटन
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि इस रामायण कॉन्क्लेव की सार्थकता सिद्ध करने हेतु यह आवश्यक है कि राम कथा के मूल आदर्शों का सर्वत्र प्रचार-प्रसार हो तथा सभी लोग उन आदर्शों को अपने आचरण में ढालें।
‘राम सबके हैं, और राम सब में हैं’
उन्होंने कहा, “समस्त मानवता एक ही ईश्वर की संतान है, यह भावना जन-जन में व्याप्त हो, यही इस आयोजन की सफलता की कसौटी है। इस सन्दर्भ में, रामचरित मानस की एक अत्यंत लोकप्रिय चौपाई का, मैं उल्लेख करना चाहूंगा – ‘सीय राममय सब जग जानी, करउँ प्रनाम जोरि जुग पानी’। इस पंक्ति का भाव यह है कि हम पूरे संसार को ईश्वरमय जानकर सभी को सादर स्वीकार करें। हम सब, प्रत्येक व्यक्ति में सीता और राम को ही देखें। राम सबके हैं, और राम सब में हैं। आइए, हम सब इस स्नेहपूर्ण विचार के साथ अपने दायित्वों का पालन करें।”
राष्ट्रपति ने कहा, ‘अयोध्या और रामायण अन्य देशों के साथ हमारे संबंधों को सांस्कृतिक शक्ति भी प्रदान करते हैं। कोरोना काल में हमारी प्राचीन प्रार्थना प्रासांगिक बनी हुई है, जिसमें सभी के समृद्ध और रोगमुक्त होने की कामना की जाती है।’
इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अयोध्या का विकास किया जा रहा है, जिससे पूरे विश्व के पर्यटक यहां आने के लिए आकर्षित होंगे।
रामलला और हनुमान गढ़ी के दर्शन भी किए
उत्तर प्रदेश के चार दिन के दौरे पर आए राष्ट्रपति कोविंद दौरे के अंतिम दिन दोपहर को एक विशेष रेलगाड़ी से अयोध्या पहुंचे। उन्होंने रामायण सम्मेलन का उद्धाटन करने के साथ-साथ अयोध्या में पर्यटन से जुड़ी कई विकास परियोजनाओं का भी लोकार्पण व शिलान्यास किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने हनुमान गढ़ी एवं भगवान रामलला के दर्शन भी किए और निर्माणाधीन मंदिर का जायजा लिया। पूरे कार्यक्रम में राष्ट्रपति के साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।