उत्तर प्रदेश : आगरा जहरीली शराब कांड पर सीएम योगी सख्त, दिए कठोरतम काररवाई के निर्देश
आगरा, 26 अगस्त। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में जहरीली शराब कांड को लेकर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त तेवर दिखाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी काररवाई के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि इस प्रकरण में संबंधित स्थानीय अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने गुरुवार को अवैध शराब के विरुद्ध प्रदेशव्यापी अभियान तेज करने का निर्देश देते हुए कहा कि इस मामले में दोषियों पर कड़ी काररवाई की जाए।
- अब तक 8 लोगों की मौत, 9 पुलिसकर्मी निलंबित
गौरतलब है कि आगरा के कौलारा कलां और देवरी गांव में जहरीली शराब पीने से अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले में ग्रामीणों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए लीपापोती करने का आरोप लगाया था। बुधवार की शाम पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौतों की वजह जहरीली शराब से होने की पुष्टि के बाद एडीजी राजीव कृष्ण ने बड़ी काररवाई की है। एडीजी ने थाना ताजगंज, डौकी और शमसाबाद के थाना प्रभारी सहित नौ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही आबकारी विभाग के दो निरीक्षक और तीन सिपाहियों के निलंबन की संस्तुति की गई है।
- इन पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज
एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने बताया कि शासन के सख्त निर्देश हैं कि जहरीली शराब से मौत के मामले में संबंधित थाना-चौकी प्रभारी और आबकारी विभाग के निरीक्षक जिम्मेदार माने जाएंगे। शराब से मौतें ताजगंज, डौकी और शमसाबाद क्षेत्र में हुईं। इस पर कार्रवाई की गई। निलंबित होने वालों में थाना ताजगंज के प्रभारी निरीक्षक उमेश चंद त्रिपाठी, चौकी इंचार्ज एकता कुलदीप मलिक, बीट सिपाही देवरी अरुण कुमार, थाना डौकी के प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार, बीट सिपाही कौलारा कलां सोमवीर, मुख्य आरक्षी जंगजीत सिंह, शमसाबाद के एसओ राजकुमार गिरि, गांव गढ़ी जहान सिंह के बीट सिपाही उदयप्रताप और गांव महरमपुर के बीट सिपाही श्यामसुंदर हैं।
- आबकारी के 2 निरीक्षक, 3 सिपाहियों के निलंबन की संस्तुति
एडीजी जोन ने बताया कि जांच में सेक्टर तीन फतेहबाद के आबकारी निरीक्षक संजय कुमार विद्यार्थी, सेक्टर सात ताजगंज के आबकारी निरीक्षक रजनीश कुमार पांडेय, तीन आबकारी सिपाही विशाल कुमार शमसाबाद, राजेश कुमार शर्मा डौकी और अमरजीत तेवतिया ताजगंज को भी प्रथम दृष्टया जांच में दोषी पाया गया है। शराब की बिक्री कहां-कहां होती है, इसके लिए आबकारी निरीक्षक जिम्मेदार होते हैं। वह कार्रवाई करते हैं। उनकी लापरवाही से शराब बिक्री हुई। इनके निलंबन की संस्तुति की गई है।