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पीएम मोदी संग बैठक में बोलने की अनुमति न मिलने पर भड़कीं ममता, कहा- हमारा अपमान किया गया

पीएम मोदी संग बैठक में बोलने की अनुमति न मिलने पर भड़कीं ममता, कहा- हमारा अपमान किया गया

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कोलकाता, 20 मई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वर्चुअल मुलाकात हुई। लेकिन इस बैठक में बोलने की अनुमति न मिलने से वह भड़क उठीं और कुछ देर बाद ही मीडिया कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाते हुए बोलीं – ‘बैठक में बुलाकर हमारा अपमान किया गया।’

गौरतलब है कि पीएम मोदी कोविड-19 से लड़ाई के क्रम में विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों से लगातार संवाद कर रहे हैं। इसी क्रम में आज उन्होंने 10 राज्यों के 54 जिलों के जिलाधिकारियों से वार्ता की। इस दौरान पीएम ने कुछ सुझाव दिए तो अधिकारियों के विचार भी सुने। बैठक में ममता व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए थे। लेकिन बैठक में मूकदर्शक मात्र बनी रहने से ममता नाराज हो उठीं और तत्काल ही मीडिया के सामने पीएम पर अपनी भड़ास निकाल दी।

  • बैठक में कठपुतली की तरह बैठे रहे मुख्यमंत्री

ममता ने कहा, ‘बैठक के बाद कई राज्यों के मुख्यमंत्री अपमानित महसूस कर रहे हैं क्योंकि प्रधानमंत्री ने मीटिंग के लिए मुख्यमंत्रियों को बुलाया, लेकिन इस दौरान वे कठपुतली की तरह बैठे रहे और किसी को भी बोलने का मौका नहीं मिला। संघीय ढांचे के लिए यह दुखद है कि मुख्यमंत्री को आधिकारिक रूप से आमंत्रित किए जाने के बावजूद बोलने नहीं दिया गया।’

  • पीएम इतने डरे हुए हैं कि सीएम की बात नहीं सुनना चाहते

प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए ममता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री इतने डरे हुए हैं कि वह सीएम की बात ही नहीं सुनना चाह रहे हैं। फिर मुख्यमंत्रियों को बैठक में क्यों बुलाया गया था?  यह एक कैजुअल मीटिंग थी।’

उन्होंने आगे कहा, ‘ कुछ भाजपाशासित राज्यों के डीएम को बोलने दिया गया, जो उनकी पसंद के थे। यह एक कैजुअल मीटिंग थी और बैठक के दौरान कोरोना संकट, ब्लैक फंगस,  मेडिसिन या वैक्सीन के बारे में बात ही नहीं हुई। मैंने सोचा था कि मैं उनसे पश्चिम बंगाल को कोरोना वैक्सीन देने का आग्रह करूंगी।’

मुख्यमंत्री ममता ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘जब पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के मामले बढ़े तो केंद्रीय टीम भेज दी गई, लेकिन उत्तर प्रदेश में गंगा में शव मिले हैं तो वहां क्यों नहीं टीम भेजी गई। देश इस वक्त बुरे दौर से गुजर रहा है, लेकिन पीएम कैजुअल एप्रोच अपना रहे हैं।’

  • प. बंगाल में कई दिनों बाद स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़ी

इस बीच पश्चिम बंगाल में कई दिनों बाद संक्रमण के नए केसों के मुकाबले स्वस्थ होने वालों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली। राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बुधवार को कोविड-19 के 19,006 नए मामले सामने आए, जबकि 19,151 मरीज स्वस्थ घोषित किए गए। इसके साथ ही राज्य में स्वस्थ होने की दर सुधरकर 87.81 फीसदी हो गई है।

हालांकि बीते 24 घंटे के दौरान 157 और मरीजों ने दम तोड़ दिया। इसके साथ ही राज्य में महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 13,733 हो गई है। बंगाल में अभी 1.31 लाख से ज्यादा कुल 1,31,491 मरीजों का इलाज चल रहा है।

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