पटना, 21 नवम्बर। बिहार में नीतीश कुमार की अगुआई वाली महागठबंधन सरकार ने राज्य में आरक्षण का संशोधित प्रावधान लागू कर दिया है। इससे पहले राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने बिहार में आरक्षण बढ़ाने वाली नई आरक्षण नीति को मंजूरी दे दी, जिसके बाद सरकार ने अधिसूचना जारी करते हुए इसे 21 नवम्बर, 2023 (मंगलवार) से तत्काल रूप से लागू कर दिया।
अब ST, SC, OBC को मिलेगा 75% आरक्षण
राज्य में आरक्षण का संशोधित प्रावधान लागू होने के बाद अब शिक्षण संस्थानों और नौकरी में अनुसूचित जाति/जनजाति, ईबीसी और ओबीसी को 75 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा। बिहार सरकार ने आरक्षण की सीमा में 15 फीसदी का इजाफा किया है। उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार द्वारा जातीय जनगणना के आंकड़े सामने आने के 50 दिनों के बाद अब राज्य में आरक्षण का संशोधित प्रावधान लागू कर दिया गया है।
राज्यपाल ने बिल पर लगाई मुहर
सीएम नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 पेश किया था। इसमें आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75 फीसदी करने का प्रावधान था, जो नौ नवम्बर को विधानसभा और विधान परिषद में पास हो गया, जिसे उसी दिन राज्य कैबिनेट ने भी मंजूरी दे दी थी। अब राज्यपाल ने भी इस पर मुहर लगा दी है, जिसके बाद इसे गजट में प्रकाशित करते हुए तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने भी इस बिल को अपना समर्थन दिया था।
किसे मिलेगा कितना आरक्षण
नए विधेयक के अनुसार अनुसूचित जनजाति के लिए मौजूदा आरक्षण दोगुना कर किया जाएगा जबकि अनुसूचित जाति के लिए इसे 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 फीसदी किया जाएगा। ईबीसी के लिए आरक्षण 18 फीसदी से बढ़ाकर 25 प्रतिशत होगा। वहीं, ओबीसी के लिए आरक्षण को 12 फीसदी से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जाएगा। इसके साथ ही सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलने वाला 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान लागू रहेगा।
इन विधेयकों को भी राज्यपाल ने दी मंज़ूरी
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने नई रिजर्वेशन नीति समेत अन्य तीन विधेयकों को भी हाल ही में मजूरी दे दी है। इनमें बिहार सचिवालय सेवा (संशोधन) विधेयक 2023, बिहार माल और सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2023 और बिहार विनियोग विधेयक 2023 शामिल हैं। इन विधेयकों को राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के बाद सरकार ने गजट प्रकाशित कर दिया था।