लखनऊ, 21 अप्रैल। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गुरुवार को लखनऊ के हजरतगंज से राज्य के पूर्व मंत्री एवं समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के निजी सचिव और चार अन्य लोगों को नौकरी धोखाधड़ी घोटाले में गिरफ्तार किया।
एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों से थाना हजरतगंज में पूछताछ की जा रही है और मामले की जांच जारी है। मुख्य आरोपित की पहचान अरमान खान के रूप में हुई है जबकि अन्य चार – असगर अली, मोहम्मद फैजी, विशाल गुप्त और अमित राव हैं। यह समूह सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर अब तक सैकड़ों बेरोजगार युवकों को ठग चुका है।
आरोपित के पास से 7 मोबाइल फोन सहित कई जाली दस्तावेज बरामद
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपितों के पास से सात मोबाइल फोन, 57 हस्ताक्षरित चेक, पांच जाली पहचान पत्र, 22 जाली नियुक्ति पत्र, लखनऊ सचिवालय का प्रवेश पास, मार्कशीट, 14 व्यक्तियों के प्रमाण पत्र और एक महिंद्रा XUV 700 जब्त की है, जिसका कोई पंजीकरण नंबर नहीं है।
स्वामी प्रसाद बोले – अरमान कभी भी निजी सचिव नहीं रहा
इस बीच पिछली भाजपा सरकार में श्रम मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘पकड़ा गया अरमान खान कभी भी मेरा निजी सचिव नहीं रहा। किसी भी मंत्री का निजी सचिव सरकारी कर्मचारी होता है। मेरा उससे कोई लेना देना नहीं है।’ उन्होंने कहा कि अरमान खान श्रम विभाग के बोर्ड में संविदा पर कम्प्यूटर आपरेटर पद पर अस्थायी कर्मचारी था। वह बहुजन समाज पार्टी और बाद में भाजपा में कार्यकर्ता रह चुका है।
गौरतलब है कि प्रमुख ओबीसी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीते विधानसभा चुनाव से ठीक पहले योगी सरकार से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। उन्होंने फाजिलनगर से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
गिरफ्तार ठग अब तक नौकरी दिलाने के नाम पर कर चुके हैं करोड़ों रुपये का वारा न्यारा
वहीं उत्तर प्रदेश एसटीएफ द्वारा जारी एक बयान के अनुसार गिरफ्तार लोग अब तक करोड़ों रुपये का वारा न्यारा कर चुके हैं। पूछताछ पर असगर अली ने बताया कि वह देवरिया का रहने वाला है और आउट सोर्सिंग पर कई विभागों में कार्य करता रहा है। वह सरकारी पत्र एवं विभागों की जानकारी रखता है। सचिवालय में अरमान (पूर्व मंत्री के निजी सचिव) के माध्यम से इसकी आसानी से पहुंच थी।
गोरखपुर, आजमगढ, सुल्तानपुर इलाहाबाद आदि जिलों के लड़के असगर से मिलते थे। असगर ने बताया कि उसका साथी अरमान पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी सचिव रहा है, जिसका वेतन श्रम विभाग द्वारा आहरित होता रहा है। बयान के मुताबिक अरमान खान समय-समय पर विभिन्न बहानों से पूर्व मंत्री को अभ्यर्थियों से मिलवाता रहता था।