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साहित्य अकादमी पुरस्कार : अनामिका, वीरप्पा मोइली और अरुंधति सहित 22 रचनाकार  सम्मानित

साहित्य अकादमी पुरस्कार : अनामिका, वीरप्पा मोइली और अरुंधति सहित 22 रचनाकार सम्मानित

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नई दिल्ली, 19 सितम्बर। साहित्य अकादमी ने साहित्य अकादमी पुरस्कार 2020 अर्पण के तहत के अंतर्गत हिन्दी की जानी मानी लेखिका अनामिका सहित 22 रचनाकारों को सम्मानित किया। कमानी सभागार में शनिवार की शाम आयोजित इस कार्यक्रम अनामिका के अलावा कवियत्री अरुंधति सुब्रमण्यम (अंग्रेजी) एम. वीरप्पा मोइली (कन्नड़) सहित अन्य को सम्मानित किया गया। विजेताओं को शॉल और एक-एक लाख रुपये की राशि दी गई।

लेखकों से पर्यावरण धर्मी बनने की भी अपेक्षा : विश्वनाथ तिवारी

समारोह के मुख्य अतिथि प्रख्यात कवि और साहित्य अकादमी के महत्तर सदस्य विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने अपने संबोधन में बिगड़ते पर्यावरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, ‘विकास जब प्रकृति में हस्तक्षेप करेगा तो वह विनाश का कारण बनेगा। अगर हमारा लक्ष्य सुख और शांति है, जो कि मनुष्यता का लक्ष्य होना चाहिए। इसलिए एक बुद्धिजीवी के रूप में लेखक को मनुष्यधर्मी ही नहीं बल्कि प्राणिमात्र धर्मी और पर्यावरण धर्मी भी होना चाहिए। उन्होंने सभी को अपनी मातृभाषा को बचाने और चिंता करने की जरूरत पर भी जोर दिया।’

साहित्य अकादमी के अध्यक्ष चंद्रशेखर कंबार ने कहा, ‘जब यह पुरस्कार दिया जा रहा है, तब आप हमारे भारत की हर भाषा के श्रेष्ठ साहित्य लिखने वाले लेखकों को यहां देख सकते हैं। यह भारत की बहुभाषिक, बहुसांस्कृतिक प्रतिभा का सम्मान है। यह सांस्कृतिक उच्चता और मानवधर्मी विचारों के सुंदर संयोग का सम्मान है।’

समारोह में मोइली को कन्नड़ महाकाव्य ‘श्री बाहुबली अहिंसादिग्विजयम’ के लिए और सुब्रमण्यम को अंग्रेजी काव्य संग्रह ‘ह्वेन गॉड इज ए ट्रैवलर’ के लिए यह पुरस्कार मिला है। काव्य क्षेत्र में पुरस्कार जीतने वाले अन्य लोगों में हरीश मीनाक्षी (गुजराती), अनामिका (हिन्दी), आरएस भास्कर (कोंकणी), इरुंगबम देवेन (मणिपुरी), रूपचंद हंसदा (संथाली) और निखिलेश्वर (तेलुगु) शामिल हैं।

उपन्यास लेखन में नंदा खरे (मराठी), महेशचंद्र शर्मा गौतम (संस्कृत), इमैयम (तमिल) और श्री हुसैन-उल-हक को यह पुरस्कार मिला है। लघु कथा के क्षेत्र में अपूर्ब कुमार सैकिया (असमी), (दिवंगत) धरणीधर ओवारी (बोडो), (दिवंगत) हिदाय कौल भारती (कश्मीरी), कमलकांत झा (मैथिली) और गुरदेव सिंह रुपाणा (पंजाबी) को पुरस्कार मिला है। ज्ञान सिंह (डोगरी) और जेठो ललवानी (सिंधी) को उनके नाटकों तथा मणिशंकर मुखोपाध्याय को संस्मरण (बंगाली) के लिए पुरस्कार दिया गया।

24 भारतीय भाषाओं में अनुवाद पुरस्कार भी घोषित

इस बीच अकादमी के कार्यकारी बोर्ड ने शनिवार को ही 24  भारतीय भाषाओं में साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार 2020 की घोषणा भी की। विवेक शानभाग द्वारा लिखित और श्रीनाथ पेरूर द्वारा अनुवादित कन्नड़ उपन्यास गाचर गोचर के अंग्रेजी अनुवाद और टी ई एस राघवन द्वारा किए गए तिरुवल्लुवर के थिरुक्कुरल के हिन्दी अनुवाद तथा 22 अन्य अनुवादों को पुरस्कार के लिए चुना गया है।

पुरस्कार के रूप में 50,000 रुपये की राशि और उत्कीर्ण ताम्रफलक इन पुस्तकों के अनुवादकों को इसी वर्ष आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदान किए जाएंगे।

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