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महाकुंभ 2025 को यादगार बनाने में जुटी योगी सरकार, रोपवे और डिजिटल कुंभ म्यूजियम होंगे खास आकर्षण

महाकुंभ 2025 को यादगार बनाने में जुटी योगी सरकार, रोपवे और डिजिटल कुंभ म्यूजियम होंगे खास आकर्षण

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प्रयागराज, 3 अप्रैल। संगम नगरी प्रयागराज में अगले वर्ष प्रस्तावित महाकुंभ 2025 को यादगार बनाने के लिए योगी सरकार जुट गई है। इस क्रम में संगम स्थल के साथ-साथ आसपास कई प्रमुख कार्यों का विकास किया जाना प्रस्तावित है, जो पर्यटकों के लिए महाकुंभ को खास बना देगा।

महाकुंभ 2025 के मद्देनजर विकास कार्यों पर एक नजर दौड़ाएं तो हनुमान मंदिर स्थली का व्यापक पैमाने पर रेनोवेशन किया जा रहा है जबकि रोपवे परियोजना की भी जल्द शुरुआत होने जा रही है। इसके साथ ही डिजिटल कुंभ म्यूजियम का भी निर्माण कार्य प्रस्तावित है। सरकार की ओर से इन सभी कार्यों को दिसम्बर, 2024 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।

अप्रैल में शुरू होगा हनुमान मंदिर स्थली का कार्य

29 नवम्बर, 2023 को शीर्ष समिति की बैठक में हनुमान मंदिर स्थली के निर्माण कार्य की सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गई थी। इसकी कार्य की कार्यदायी संस्था प्रयागराज विकास प्राधिकरण है। कार्य की कुल लागत 45.71 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। परियोजना के लिए पीएमए द्वारा पूर्व न्यायाधीश उच्च न्यायालय पी.के.एस. बघेल. से लीगल ओपिनियन भी ली गई है। यही नहीं, सेना द्वारा कार्य स्थल की वर्किंग परमिशन भी प्रदान की जा चुकी है और भूमि हस्तांतरित किए जाने के लिए एमओयू हस्ताक्षर किए जाने की प्रक्रिया जल्द ही पूर्ण कर ली जाएगी, जिसके लिए लीगल वेटिंग की जा रही है। पीडीए द्वारा कार्य अप्रैल में प्रारंभ किया जाएगा और नवम्बर, 2024 में पूर्ण करने का लक्ष्य है। निर्धारित समय में कार्य पूरा होने के बाद अधिक संख्या में दर्शनार्थी यहां समाहित हो सकेंगे।

रोपवे परियोजना का कार्य भी प्रगति पर

संगम तक श्रद्धालुओं की पहुंच को और आसान बनाने के लिए रोपवे का भी निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। संगम के पास बांध पर शंकर विमान मंडपम से लेकर अरैल के त्रिवेणी पुष्प तक 1281.5 मीटर लंबे और 62 मीटर ऊंचे रोपवे प्रोजेक्ट को 15 मार्च, 2024 को नेशनल हाईवेज लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लि. (एनएचएलएमएल) द्वारा अवार्ड किया गया है। यह कार्य दिसम्बर, 2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। फरवरी, 2024 में रक्षा मंत्रालय द्वारा एनओसी भी प्रदान कर दी गई है। साथ ही रक्षा मंत्रालय की ओर से भूमि हस्तांतरित करने के लिए आर्मी मुख्यालय को निर्देशित किया गया है। फिलहाल यहां पर सीवरेज, यूटिलिटी शिफ्टिंग, ट्री फेलिंग का कार्य प्रगति पर है।

कुंभ के स्वर्णिम अतीत के दर्शन कराएगा डिजिटल कुंभ म्यूजियम

अरैल मार्ग पर 40 हजार स्क्वायर मीटर के प्रस्तावित क्षेत्रफल में बनाए जा रहे डिजिटल कुंभ म्यूजियम पर भी कार्य शुरू हो गया है। वर्तमान में डिजिटल कुंभ म्यूजियम के लिए ईओआई को प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा आमंत्रित किया गया है, जिसमें दो बिडर ने योजना प्रस्तुत की है।

डिजिटल कुंभ म्यूजियम में वीआर के माध्यम से अखाड़ों, समुद्र मंथन से संबंधित गैलरी का विकास, त्रिवेणी संगम गैलरी के साथ ही कुंभ के इतिहास और अध्यात्म को दर्शाती गैलरी का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, कुंभ की उत्पत्ति और पौराणिक गाथाओं से जुड़ी गैलरी, कुंभ मेला गैलरी का ऐतिहासिक विकास, प्रयागराज कुंभ मेला गैलरी, हरिद्वार-नासिक-उज्जैन कुंभ मेला गैलरी, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व गैलरी, 21वीं सदी में कुंभ मेला आदि का भी विकास किया जाएगा। वहीं, पार्किंग सुविधाओं, सांस्कृतिक हाट, फूड प्लाजा, भूदृश्य आदि का भी विकास किया जा रहा है।

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