थोक महंगाई दर 14 माह में सबसे कम, अप्रैल के मुकाबले मई में आई इतनी कमी
नई दिल्ली, 16 जून। खाद्य वस्तुओं, विनिर्मित उत्पादों और ईंधन की कीमतों में नरमी के बीच मई में थोक मूल्य मुद्रास्फीति (WPI) घटकर 0.39 प्रतिशत रह गई। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में 0.85 प्रतिशत और मई 2024 में 2.74 प्रतिशत रही थी।
उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मुख्य तौर पर खाद्य उत्पादों, बिजली, अन्य विनिर्माण, रसायनों व रासायनिक उत्पादों, अन्य परिवहन उपकरणों और गैर-खाद्य वस्तुओं के विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि इसकी मुख्य वजह रही।’’
थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में मई में 1.56 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जबकि अप्रैल में इनमें 0.86 प्रतिशत की गिरावट आई थी। सब्जियों के दाम में भारी गिरावट आई। सब्जियां मई में 21.62 प्रतिशत सस्ती हुईं जबकि अप्रैल में इनकी कीमतें 18.26 प्रतिशत घटी थीं।
विनिर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति 2.04 प्रतिशत रही, जबकि अप्रैल में यह 2.62 प्रतिशत थी। ईंधन और बिजली में भी मई में मुद्रास्फीति 2.27 प्रतिशत रही जबकि अप्रैल में यह 2.18 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है।
खुदरा मुद्रास्फीति मई में घटकर छह वर्ष के निचले स्तर 2.82 प्रतिशत पर आ गई, जिसका मुख्य कारण खाद्य कीमतों में नरमी रही। पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों में यह जानकारी मिली। आरबीआई ने मुद्रास्फीति में नरमी के बीच इस महीने नीतिगत ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की भारी कटौती कर इसे 5.50 प्रतिशत कर दिया था।
