डब्ल्यूएचओ की चेतावनी : यूरोप और मध्य एशिया फिर कोरोना के केंद्र, फरवरी तक हो सकती हैं 5 लाख मौतें
कोपेनहेगन (डेनमार्क), 5 नवंबर। वैश्विक महामारी कोविड-19 एक बार फिर यूरोप और मध्य एशिया में तबाही मचाने की तैयारी कर ली है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी दी है कि यदि सुरक्षा उपाय नहीं किए गए तो अगले वर्ष फरवरी तक इस महामारी से पांच लाख लोगों की मौत हो सकती है।
53 देशों वाले क्षेत्र में रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ रहे कोरोना संक्रमित
यूरोप के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. हांस क्लूज ने गुरुवार को मीडिया से कहा कि यूरोप और मध्य एशिया में 53 देशों वाला क्षेत्र आने वाले हफ्तों में कोरोना वायरस के खतरे का सामना करेगा या फिर ये पहले से ही ऐसा कर रहा है। कोरोना मामलों की संख्या में फिर से रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ोतरी हो रही है। इस क्षेत्र में कोरोना फैलने की रफ्तार गंभीर चिंता का विषय है।
क्लूज ने कहा, ‘हम महामारी के फिर से फैलने के एक और महत्वपूर्ण बिंदु पर हैं। यूरोप महामारी के केंद्र के रूप में वापस आ चुका है। हम एक साल पहले ऐसे ही हालात में थे। यह अलग बात है कि स्वास्थ्य अधिकारियों को वायरस के बारे अधिक मालूम है और उनके पास इससे लड़ने के लिए बेहतर हथियार हैं।’
अस्पतालों में मरीजों की संख्या एक हफ्ते में दोगुनी से अधिक
क्लूज ने कहा कि कुछ जगहों पर रोकथाम उपायों में ढील और वैक्सिनेशन की कम दर वायरस की नई लहर के बारे में बताती है। उन्होंने कहा कि 53 देशों के क्षेत्र में कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती होने की दर पिछले हफ्ते की तुलना में दोगुनी से अधिक हो गई है। यदि यह ट्रेंड जारी रहता है तो इस क्षेत्र में फरवरी तक पांच लाख लोगों को कोरोना से जान गंवानी पड़ सकती है।
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि इस क्षेत्र में एक हफ्ते में 18 लाख के करीब लोग संक्रमित हुए हैं। पिछले हफ्ते से इसमें लगभग छह फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं, इस दौरान 24 हजार लोगों ने जान गंवाई है, जिसमें 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।
47 फीसदी लोगों का हो सका है पूर्ण टीकाकरण
डॉ हांस क्लूज ने कहा कि इस क्षेत्र के देशों में वैक्सिनेशन की रफ्तार अलग-अलग स्टेज में हैं और क्षेत्र में औसतन 47 फीसदी लोगों का पूर्ण वैक्सिनेशन हुआ है। केवल आठ देश ऐसे हैं, जहां पर 70 फीसदी आबादी को टीके की पूरी डोज दी जा चुकी है। हमें अपनी रणनीति बदलनी चाहिए, इसमें बढ़ते कोविड मामलों को लेकर दी जाने वाली प्रतिक्रिया तक में बदलाव की जरूरत है, ताकि इसे तुरंत ही रोका जा सके।’