डब्ल्यूएचओ ने कोरोनारोधी वैक्सीन का निर्यात फिर शुरू करने पर भारत को दिया धन्यवाद
नई दिल्ली, 22 सितम्बर। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है, जिसके तहत अगले माह से कोविड टीकों का निर्यात करने और मुफ्त प्रदान करने की घोषणा की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया को डब्ल्यूएचओ महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस का धन्यवाद संदेश बुधवार को सुबह मिला।
मनसुख मंडाविया ने घेब्रेयेसस के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए यह जानकारी दी। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने मंडाविया को किए अपने ट्वीट में कहा था, ‘यह घोषणा करने के लिए आपका धन्यवाद कि भारत अक्टूबर में कोवैक्स के लिए महत्वपूर्ण कोविड-19 वैक्सीन शिपमेंट फिर से शुरू करेगा। यह वर्ष के अंत तक सभी देशों में 40 फीसदी टीकाकरण लक्ष्य तक पहुंचने के समर्थन में एक महत्वपूर्ण प्रगति है।’
Thank you Health Minister @mansukhmandviya for announcing #India will resume crucial #COVID19 vaccine shipments to #COVAX in October. This is an important development in support of reaching the 40% vaccination target in all countries by the end of the year. #VaccinEquity
— Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) September 21, 2021
गौरतलब है कि मनसुख मंडाविया पिछले पखवारे जी-20 समूह के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के लिए इतालवी राजधानी रोम गए थे, तब उन्होंने घेब्रेयेसस से मुलाकात भी की थी। मांडविया ने उस दौरान घेब्रेयसस, आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के वैश्विक स्वास्थ्य सलाहकार निक टॉमलिंसन और निदेशक स्टेफनो स्कारपेटा के साथ अनौपचारिक बैठक की थी।
मंडाविया बोले – पड़ोसी देशों की पहली नीति को प्राथमिकता दी जाएगी
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि नए सिरे से निर्यात अभियान के, जिसे ‘वैक्सीन मैत्री’ के नाम से जाना जाता है, तहत भारत वैश्विक वैक्सीन-साझाकरण प्लेटफॉर्म COVAX और पड़ोसी देशों की पहली नीति को प्राथमिकता देगा।
ज्ञातव्य है कि औषधि के क्षेत्र में भारत विश्व में सबसे अधिक टीकों का निर्माण करता है। भारत ने अप्रैल में अपनी आबादी को टीका लगाने के काम को प्रमुखता देने पर टीकों का निर्यात स्थगित कर दिया था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले टीकों के निर्यात का फैसला हुआ है। इसके बारे में क्वाड देशों – अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के शिखर सम्मेलन में भी चर्चा होने की संभावना है।