विधानसभा चुनाव : महाराष्ट्र की सभी 288 और झारखंड की 38 सीटों पर मतदान आज, कई दिग्गजों की साख दांव पर
नई दिल्ली, 19 नवम्बर। महाराष्ट्र की सभी 288 और झारखंड की 38 विधानसभा सीटों पर बुधवार को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। दोनों ही राज्यों में कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इन दोनों राज्यों के अलावा चार राज्यों की 15 सीटों पर उपचुनाव भी होगा, इनमें उत्तर प्रदेश की भी नौ सीटें शामिल हैं।
महाराष्ट्र की बात करें तो सत्तारूढ़ महायुति और महा विकास आघाड़ी (MVA) गठबंधन आमने-सामने हैं। इस चुनाव के जरिए मराठा क्षत्रप शरद पवार, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उनके पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे, डिप्टी सीएम अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस सरीखे प्रतिष्ठा दांव पर है। दूसरी तरफ झारखंड की जनता भी दूसरे चरण में मतदान के लिए तैयार है। वहां मुकाबला झामुमो की अगुआई वाले सत्तारूढ़ I.N.D.I.A. ब्लॉक और एनडीए के बीच है। 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में गत 13 नवम्बर को पहले चरण के तहत 43 सीटों पर मतदान हो चुका है।
लोकसभा का प्रदर्शन दोहराना चाहते हैं शरद पवार
महाराष्ट्र में वस्तुतः अलग-अलग मोर्चों पर अलग-अलग लड़ाइयां हैं। दोनों पवार और शिंदे-ठाकरे अपनी पार्टियों के लिए लोकप्रिय वैधता तलाशने के लिए एक दिलचस्प लड़ाई में लगे हुए हैं। अगले मा 84 वर्ष के होने जा रहे शरद पवार ने लोकसभा चुनाव में अपने भतीजे अजित पवार को करारा झटका दिया था। विधानसभा चुनाव में भी वह इसे दोहराने का प्रयास कर रहे हैं जबकि अजित पवार को वापसी की उम्मीद है।
शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) विपक्षी महा विकास अघाड़ी का हिस्सा हैं, जिसमें कांग्रेस तीसरी महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। वहीं एनसीपी और शिवसेना भाजपा के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ महायुति के साथ गठबंधन में हैं।
महाराष्ट्र में किसके कितने उम्मीदवार मैदान में?
भाजपा 149 सीटों पर, शिवसेना 81 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 59 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। उधर विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस ने 101 उम्मीदवार, शिवसेना (यूबीटी) ने 95 और एनसीपी (एसपी) ने 86 उम्मीदवार उतारे हैं। 50 से अधिक सीटों पर दोनों शिवसेना के उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ हैं जबकि 37 निर्वाचन क्षेत्रों में दोनों पवार ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं।
चाचा-भतीजे की दिलचस्प लड़ाई
पश्चिमी महाराष्ट्र में चाचा-भतीजे की लड़ाई सबसे तीखी है, जो एक समृद्ध क्षेत्र है और जहां पवार वंश की जड़ें हैं। राज्य के चार बार के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार ने ‘विश्वासघातियों को हराने’ की अपील की है। साफ है कि उनका इशारा भतीजे अजित पवार और उनके प्रत्याशियों की तरफ है। बदले में भतीजे अजित पवार ने उनके खिलाफ तीखे शब्दों का इस्तेमाल करने से परहेज किया है। लोकसभा चुनाव में एनसीपी (एसपी) ने एनसीपी की एक सीट के मुकाबले आठ सीटें जीती थीं। वहीं शिव सेना (यूबीटी) नौ सीटों पर विजयी रही थी जबकि सात पर शिवसेना को जीत हासिल हुई थी।
झारखंड में 500 से अधिक उम्मीदवार मैदान में
उधर झारखंड में बुधवार को विधानसभा चुनाव का दूसरा व अंतिम चरण है। यह चरण झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और विपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी (भाजपा) के अलावा 500 से अधिक अन्य उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करेगा। 14,218 मतदान केंद्रों पर मतदान सुबह सात बजे शुरू होगा और 31 बूथों को छोड़कर शाम पांच बजे तक जारी रहेगा। इन 31 बूथों पर अपराह्न 4 बजे वोटिंग खत्म हो जाएगी।
चुनाव प्रचार के दौरान, एनडीए ने बांग्लादेश से कथित घुसपैठ और जमानत पर बाहर सीएम सहित नेताओं के भ्रष्टाचार को लेकर जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन पर हमला बोला है। भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने हिन्दुत्व का भी मुद्दा उठाया।
I.N.D.I.A. ब्लॉक ने किया कल्याणकारी योजनाओं का वादा
दूसरी ओर, सत्तारूढ़ सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं का वादा करके मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की और भाजपा पर सीएम के, जो एक ‘आदिवासी नेता’ हैं, खिलाफ ‘दुर्भावनापूर्ण अभियान’ में 500 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप लगाया।
इस बीच मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के रवि कुमार ने कहा कि मतदान की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और सभी बूथों के लिए मतदान कर्मियों को शांतिपूर्वक भेज दिया गया है।
चंपई सोरेन को हटाना बन गया चुनावी मुद्दा
उल्लेखनीय है कि जून में हेमंत सोरेन के जमानत पर रिहा होने के तुरंत बाद उन्होंने चंपई सोरेन को सीएम पद से हटा दिया था, जो एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बन गया। दावा किया गया कि जेएमएम ने एक आदिवासी का अपमान किया गया है। चंपाई सोरेन बाद में भाजपा में शामिल हो गए और विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
झारखंड में इतने उम्मीदवार मैदान में
इस बार जहां एनडीए में भाजपा ने 68 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं जबकि सहयोगी AJSU पार्टी ने 10, जेडीयू ने दो और लोक जनशक्ति (रामविलास) ने एक सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं I.N.D.I.A. ब्लॉक में, जेएमएम ने 43, कांग्रेस ने 30, आरजेडी ने छह और सीपीआई (एमएल) ने चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं और कुछ सीटों पर दोस्ताना लड़ाई भी है।
दूसरे चरण में एसटी उम्मीदवारों के लिए 28 और एससी प्रतियोगियों के लिए नौ सीटें आरक्षित हैं। 2019 के चुनाव में एससी सीटों में से झामुमो ने दो, भाजपा ने छह और आरजेडी ने एक सीट जीती थी। एसटी आरक्षित सीटों में जेएमएम 19, कांग्रेस छह, बीजेपी दो और जेवीएम (पी) एक सीट पर विजयी रही थीष