छत्तीसगढ़ : विष्णुदेव साय ने सीएम पद की शपथ ली, अरुण साव और विजय शर्मा डिप्टी सीएम बने
रायपुर, 13 दिसम्बर। छत्तीसगढ़ के आदिवासी नेता विष्णुदेव साय ने बुधवार को अपराह्न यहां राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण कर लिया। स्थानीय साइंस कॉलेज ग्राउंड पर आयोजित समारोह में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने विष्णुदेव साय को पद एवं गोपनीयनता की शपथ दिलाई। सीएम विष्णुदेव के अलावा अरुण साव और विजय शर्मा ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मोदी कैबिनेट के सदस्य – अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, मनसुख मांडविया, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री – योगी आदित्यनाथ, हिमंत विस्वा सरमा, पुष्कर सिंह धामी, प्रमोद सावंत व माणिक साहा, भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम प्रकाश माथुर, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह व पिछली कांग्रेस सरकार के सीएम भूपेश बघेल सहित अन्य दिग्गज नेता शामिल हुए।
शपथ से पहले लिया मां का आशीर्वाद, निवास व जगन्नाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की
कुनकुरी विधानसभा से निर्वाचित 59 वर्षीय आदिवासी नेता विष्णुदेव साय ने शपथ लेने से पहले पुरैना इलाके में अपने आवास पर अपनी मां जसमनी देवी का आशीर्वाद लिया। उन्होंने रायपुर स्थित अपने निवास तथा जगन्नाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की और स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह तथा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
शहीद वीन नारायण और अटल जी को किया नमन
विष्णुदेव साय ने राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्य के लिए उल्लेखनीय योगदान देने वाले दो विभूतियों को नमन किया। उन्होंने सुबह अवंती विहार एटीएम चौक स्थित छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रणेता पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद वह स्तंभ चौक पहुंचे और छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मातृभूमि के प्रति उनके समर्पण और बलिदान को नमन किया।
नियमानुसार छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 13 मंत्री हो सकते हैं। नए मंत्रिमंडल में नये और पुराने नेताओं का मिश्रण हो सकता है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कुल 90 विधानसभा सीटों में से 54 सीटें जीतीं। 2018 में 68 सीटें जीतने वाली कांग्रेस इस बार 35 सीटों पर सिमट गई। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी एक सीट जीतने में कामयाब रही।