बिहार : पार्टी टूटने के बाद वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी मंत्री पद से भी बर्खास्त
पटना, 27 मार्च। भाजपा के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वाले बिहार सरकार में मत्स्य पालन एवं पशुपालन मंत्री मंत्री मुकेश सहनी को पार्टी टूटने के बाद एक और तगड़ा झटका लगा, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को उन्हें अपने मंत्रिमंडल से भी बर्खास्त कर दिया। उच्च पदस्थ सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सीएम नीतीश कुमार ने भाजपा के आवेदन पर राज्यापल से की थी सिफारिश
सूत्रों ने बताया कि सीएम नीतीश ने मुकेश सहनी की बर्खास्तगी की सिफारिश सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक लिखित निवेदन के बाद राज्यपाल फागू चौहान को भेजी थी, जिसमें कहा गया था कि विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक प्रमुख सहनी अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा नहीं हैं।
भाजपा के ही कहने पर मंत्रिमंडल में शामिल किए गए थे सहनी
गौरतलब है कि भाजपा के कहने पर ही मुकेश सहनी को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। भाजपा ने ही सहनी को विधान परिषद में भेजा था क्योंकि वह विधानसभा का चुनाव हार गए थे। 30 जून को विधानपरिषद की अवधि समाप्त हो रही थी। पिछले वीआईपी के टिकट पर चुने गए सभी तीन विधायक इसी हफ्ते नाटकीय अंदाज में भाजपा से जुड़ गए और मुकेश सहनी अकेले पड़ गए। तभी आशंका हो चली थी कि उनका मंत्री पद भी अब जाएगा।
वीआईपी के तीनों विधायक भाजपा में शामिल हो चुके हैं
दिलचस्प यह रहा कि पूरे घटनाक्रम से नावाकिफ सहनी बोचहां विधानसभा सीट पर उप चुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवार गीता देवी का नामांकन दायर कराने में व्यस्त थे। यह सीट वीआईपी से विधायक मुसाफिर पासवान के निधन से खाली हुई है। शाम को स्वर्ण सिंह, मिश्री लाल यादव और राजू कुमार सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से मुलाकात कर कहा कि वे भाजपा में विलय करना चाहते हैं। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की और भाजपा विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गई। उसके पास अब 77 विधायक हैं, जो प्रमुख विपक्षी दल राजद से दो ज्यादा हैं।
बॉलीवुड के पूर्व सेट डिजाइनर सहनी ने नवंबर, 2018 में बनाई थी अपनी पार्टी
बॉलीवुड के पूर्व सेट डिजाइनर सहनी ने नवंबर, 2018 में अपनी पार्टी बनाई थी और इसके तुरंत बाद राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल हो गए। लेकिन 2020 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले महागठबंधन छोड़ दिया और आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव उनके साथ सीटों का उचित बंटवारा नहीं कर रहे थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद भाजपा के कहने पर उन्हें राजग में शामिल किया गया था।