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WFI विवाद : विनेश फोगाट ने भी लौटाए अवॉर्ड, पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा – ‘अब पुरस्कारों से घिन आने लगी’

WFI विवाद : विनेश फोगाट ने भी लौटाए अवॉर्ड, पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा – ‘अब पुरस्कारों से घिन आने लगी’

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नई दिल्ली, 26 दिसम्बर। भारतीय कुश्ती जगत में जारी दंगल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। खेल मंत्रालय ने पिछले हफ्ते हुए भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चुनाव के बाद भले ही नियमों की अवहेलना का आरोप लगाते हुए नवनिर्वाचित निकाय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और देश में कुश्ती के संचालन के लिए भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) को एक तदर्थ समिति गठित करने का आदेश जारी कर दिया। लेकिन पहलवानों को सरकार के इस निर्णय में शायद खोट नजर आ रही है, तभी तो पहले साक्षी मलिक ने संन्यास लिया,फिर बजरंग पूनिया ने अपने पद्मश्री अवार्ड लौटाया और अब मंगलवार को विनेश फोगाट ने भी दो अवॉर्ड लौटने का फैसला कर लिया।

खेल रत्न‘ और अर्जुन अवॉर्ड लौटाने की घोषणा कर दी

उल्लेखनीय है कि गत 21 दिसम्बर को WFI चुनाव में अध्यक्ष पद पर बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय कुमार सिंह की जीत के कुछ घंटे बाद ही रियो ओलम्पिक (2016) की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने संन्यास का एलान कर दिया था तो अगले दिन टोक्यो ओलम्पिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया ने पीएम मोदी को पत्र लिखने का साथ अपना पद्मश्री अवॉर्ड पीएम आवास के बाहर फुटपाथ पर रख दिया था। अब विनेश फोगाट ने भी अपने दो अवॉर्ड – ‘खेल रत्न’ और अर्जुन अवॉर्ड लौटाने की घोषणा कर दी, जो बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने साथ साक्षी व पूनिया के साथ पूर्व डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ झंडा बुलंद करने वाले दल की अहम सदस्य रही हैं।

पत्र में लिखा – इस हालत में पहुंचाने के लिए ताकतवर का बहुत बहुत धन्यवाद

विनेश फोगाट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार ‘खेल रत्न के साथ ही अर्जुन अवॉर्ड भी लौटने का एलान कर दिया। विनेश ने पत्र शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, ‘मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापस कर रही हूं। इस हालत में पहुंचाने के लिए ताकतवर का बहुत बहुत धन्यवाद।’

विनेश ने पत्र में पीएम से पूछा – ‘मुझे साल याद है 2016 में जब साक्षी मलिक ओलम्पिक में पदक जीतकर आई थी तो आपकी सरकार ने उन्हें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का ब्रांड एम्बेसडर बनाया था। आज जब साक्षी को कुश्ती छोड़नी पड़ी, तबसे मुझे वह साल 2016 याद आ रहा है। क्या हम महिला खिलाड़ी सरकार के विज्ञापनों पर छपने के लिए ही बनी हैं।

अपने पत्र में विनेश ने कहा, ‘बजरंग ने किस हालत में अपना पद्मश्री लौटाने का फैसला लिया होगा, मुझे नहीं पता। लेकिन मैं उसकी वो फोटो देखकर अंदर ही अंदर घुट रही हूं। उसके बाद अब मुझे भी अपने पुरस्कारों से घिन आने लगी है। जब ये पुरस्कर मुझे मिले थे, तो मेरी मां ने हमारे पड़ोस में मिठाई बांटी थी और मेरी काकी-ताइयों को बताया था कि विनेश की टीवी में खबर आई है, उसे देखना।’

विनेश को मिले अवॉर्ड

गौरतलब है कि विनेश फोगाट को 2016 में अर्जुन अवॉर्ड मिला था। उसके बाद 2020 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड मिला। खेल रत्न भारत में खिलाड़ी को मिलने वाला सबसे बड़ा अवॉर्ड है। अवॉर्ड लेने के समय विनेश चोटिल थीं। वह ह्वीलचेयर पर अवॉर्ड लेने पहुंची थीं।

ये रही हैं विनेश की उपलब्धियां

29 वर्षीया विनेश के पास ओलम्पिक मेडल नहीं है। लेकिन विश्व चैम्पियनशिप में वह दो कांस्य पदक जीत चुकीं हैं। एशियाई चैम्पियनशिप में एक स्वर्ण और एक कांस्य है। इसके अलावा राष्ट्रकुल खेलों में भी वह तीन स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। गीता और बबीता फोगाट की चचेरी बहन विनेश को रियो ओलम्पिक में मेडल का बड़ा दावेदार माना जा रहा था, लेकिन घुटने की इंजरी के कारण उन्हें बाहर होना पड़ा था।

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