नई दिल्ली, 12 जनवरी। तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (वीएसएससी) के निदेशक और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख वैज्ञानिक एस. सोमनाथ को इसरो का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की कैबिनेट और स्थापना अधिकारी की नियुक्ति समिति की सचिव दीप्ति उमाशंकर के हस्ताक्षर से बुधवार को यह आदेश जारी किया गया।
देश के बेहतरीन रॉकेट टेक्नोलॉजिस्ट और एयरोस्पेस इंजीनियर हैं एस. सोमनाथ
देश के बेहतरीन रॉकेट टेक्नोलॉजिस्ट और एयरोस्पेस इंजीनियर एस. सोमनाथ वीएसएससी से पहले तिरुवनंतपुरम स्थित लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) के डायरेक्टर भी रहे हैं। इन्होंने इसरो के रॉकेट्स के विकास में काफी ज्यादा योगदान दिया है। वह लॉन्च ह्वीकल की डिजाइनिंग के मास्टर हैं और लॉन्च ह्वीकल सिस्टम इंजीनियरिंग, स्ट्रक्चरल डिजाइन, स्ट्रक्चरल डायनेमिक्स और पाइरोटेक्नीक्स के एक्सपर्ट हैं।
The Appointments Committee of the Cabinet approved the appointment of S. Somanath, Director, Vikram Sarabhai Space Centre (VSSC) to the post of Secretary, Department of Space and Chairman, Space Commission. pic.twitter.com/1A4G55ml4b
— Prasar Bharati News Services पी.बी.एन.एस. (@PBNS_India) January 12, 2022
एस. सोमनाथ इसरो चीफ बनने से पहले वो GSAT-MK11 (F09) को अपग्रेड करने में लगे थे ताकि भारी संचार सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में लॉन्च किया जा सके। उसके अलावा वह GSAT-6A और PSLV-C41 को भी बेहतर बनाने में लगे थे ताकि रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट्स को सही तरीके से लॉन्च किया जा सके।
एर्नाकुलम के महाराजा कॉलेज से प्री-डिग्री प्रोग्राम पूरा करने वाले एस. सोमनाथ ने केरल यूनिवर्सिटी के क्विलॉन स्थित टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की। फिर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज (IISc) से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर की डिग्री हासिल की।
2018 में बने थे विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के निदेशक
ग्रेजुएएशन करने के बाद ही वर्ष 1985 में एस. सोमनाथ ने विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर ज्वाइन किया। शुरुआती दौर में वो PSLV प्रोजेक्ट के साथ काम करते रहे। उसके बाद उन्हें वर्ष 2010 में GSLV Mk-3 रॉकेट का प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनाया गया। वर्ष 2015 में वह एलपीएससी के प्रमुख बने और 2018 में वीएसएससी के निदेशक बने।