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विहिप और बजरंग दल का नया अभियान – अब ‘धर्म प्रवास’ कर बताएंगे परिवार-संस्कृति बचाने का तरीका

विहिप और बजरंग दल का नया अभियान – अब ‘धर्म प्रवास’ कर बताएंगे परिवार-संस्कृति बचाने का तरीका

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रायपुर, 25 जून। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) और बजरंग दल अब ‘धर्म प्रवास’ अभियान चलाकर लोगों को अपना धर्म-परिवार और संस्कृति बचाने का तरीका बताएंगे। विहिप की केंद्रीय प्रबंध समित की रविवार को यहां संपन्न दो दिवसीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसे लेकर ब्लॉक स्तर पर शौर्य यात्राएं निकाली जाएंगी।

विहिप की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार धर्म प्रवास के तहत अवैध धर्मांतरण, कथित लव जिहाद और धार्मिक आधार पर किसी संवेदनशील क्षेत्र से हो रहे हिन्दुओं का पलायन रोकने के लिए भी लोगों को जागरूक किया जाएगा। इन मुद्दों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए बजरंग दल राष्ट्रीय स्तर पर शौर्य यात्राएं भी आयोजित करेगा।

बजरंग दल 30 सितम्बर से निकालेगा शौर्य यात्राएं – आलोक कुमार

विहिप के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने बैठक के बाद कहा कि बजरंग दल आगामी 30 सितम्बर से 14 अक्टूबर के बीच देशव्यापी शौर्य जागरण यात्राएं निकालेगा। दीपावली के आस-पास संतों के प्रवासों के माध्यम से हिन्दू परिवारों को सामाजिक और राष्ट्रीय जीवन मूल्यों से जोड़ा जाएगा।

बैठक में पारित प्रस्ताव की प्रति मीडिया को जारी करते हुए आलोक कुमार ने आरोप लगाया कि कुछ समय से हिन्दू संस्कृति पर विभिन्न मंचों से योजनाबद्ध हमले किए गए हैं। हिन्दुओं की आस्थाओं पर चोट कर उनकी सबसे मजबूत संस्था परिवार को भी नष्ट भ्रष्ट करने की कोशिश की गई है। ऐसे में हिंदू धर्म-संस्कृति को बचाने के लिए परिवार को बचाना आवश्यक है और उसके लिए ही यह प्रयास किया जा रहा है।

विनोद बंसल बोले – हिन्दू संस्कृति को बचाना हमारा उद्देश्य

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि उनके संगठन की स्थापना के समय से ही उनका उद्देश्य हिन्दू धर्म-संस्कृति पर हो रहे हमलों से धर्म और हिन्दुओं का बचाव करना रहा है। यह समाज के किसी धर्म या समुदाय के विरुद्ध नहीं है, बल्कि इस पूरी कोशिश का उद्देश्य हिन्दू धर्म, संस्कृति और परिवारों को बचाना है। उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य लोगों को अपने धर्म-संस्कृति के प्रति जागरूक करना और उन्हें किसी गलत लालच में फंसकर लव जिहाद और अवैध धर्मांतरण का शिकार होने से बचाना है।

विहिप ने यह निर्णय ऐसे समय लिया है, जब लव जिहाद जैसे मुद्दे को लेकर उत्तराखंड के उत्तरकाशी में विवाद गहरा गया है और केंद्र सरकार समान नागरिक आचार संहिता (यूसीसी) के मुद्दे पर लोगों की राय जानने की कोशिश कर रही है। मई में हरिद्वार में आयोजित विहिप की धर्म संसद की बैठक में इस बारे में फैसला लिया गया था। अब इसको कार्यरूप देने की योजना पर रणनीति बनाई गई है।

परिवार संस्था को बचाना सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण

संगठन की बैठक में कहा गया कि किसी राष्ट्र और संस्कृति को बचाने के लिए परिवार संस्था को मजबूत किया जाना आवश्यक है। भगवा परिवार का मानना है कि देश की एकता, सांस्कृतिक मजबूती नष्ट करने के लिए एक योजनाबद्ध तरीके से इस परिवार संस्था को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। संगठन ने देश में समलैंगिक लोगों को अधिकार दिए जाने की वकालत किए जाने की कोशिशें पर भी बैठक में चिंता व्यक्त की गई। संगठन का मानना है कि यह भी परिवार संस्था को कमजोर करने का एक प्रयास है। विहिप अब इस संस्था को मजबूत करने के लिए काम करेगी।

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