काबुल 28, अगस्त। काबुल एयरपोर्ट के बाहर बम ब्लास्ट करने वाले आतंकवादी संगठन आईएसआईएस पर अमेरिका ने बड़ी काररवाई करते हुए अफगानिस्तान स्थित आईएसआईएस के ठिकानों पर ड्रोन से हमले किए हैं। बता दें कि गुरुवार की देर शाम काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए सीरियल ब्लास्ट में अब तक एक दर्जन अमेरिकी सैनिकों समेत 169 लोगों की मौत हो चुकी है। इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि हमला करने वाले आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा।
- इस्लामिक स्टेट खोरासान ने ली थी जिम्मेदारी
काबुल ब्लास्ट की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खोरासान ने ली थी। जिसके बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के पास नंगरहार प्रांत में ये बमबारी की है। बताया जा रहा है कि इन हमलों में काबुल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड मारा गया है। काबुल ब्लास्ट के बाद अमेरिका पर भारी दबाव था। काबुल हमलों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा था कि जो भी इन हमलों में शामिल हैं, हम उनको छोड़ेंगे नहीं।
- बम धमाके में अब तक 169 लोगों की हो चुकी मौत
बता दें कि काबुल एयरपोर्ट के बाहर एक के बाद सीरियल धमाकों में अब तक मृतकों का आंकड़ा 169 तक जा पहुंचा है, जिसमें ज्यादातर अफगान नागरिक हैं। मृतकों की संख्या और भी बढ़ सकती है क्योंकि डेढ़ सौ से ज्यादा लोग घायल हैं। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक धमाकों में अमेरिका के 13 सैनिकों की भी मौत हुई है। ह्वाइट हाउस ने कहा कि हमलों में मारे गए सैनिकों के सम्मान में 30 अगस्त की शाम तक अमेरिकी ध्वज आधा झुका रहेगा।
- काबुल हवाई अड्डे पर जमा हैं लोग
अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद से हजारों अफगान देश से निकलने की कोशिश कर रहे हैं और पिछले कई दिनों से हवाई अड्डे पर जमा हैं। काबुल हवाई अड्डे से बड़े स्तर पर लोगों की निकासी अभियान के बीच पश्चिमी देशों ने हमले की आशंका जतायी थी। इससे पहले दिन में कई देशों ने लोगों से हवाईअड्डे से दूर रहने की अपील की थी क्योंकि वहां आत्मघाती हमले की आशंका जतायी गई थी।