1. Home
  2. कारोबार
  3. अमेरिकी ब्रोकिंग फर्म जेफरीज ने कहा – ट्रंप वापस ले सकते हैं हाई टैरिफ, भारत में निवेशित रहने की दी सलाह
अमेरिकी ब्रोकिंग फर्म जेफरीज ने कहा – ट्रंप वापस ले सकते हैं हाई टैरिफ, भारत में निवेशित रहने की दी सलाह

अमेरिकी ब्रोकिंग फर्म जेफरीज ने कहा – ट्रंप वापस ले सकते हैं हाई टैरिफ, भारत में निवेशित रहने की दी सलाह

0
Social Share

नई दिल्ली, 18 अगस्त। अमेरिकी ब्रोकिंग फर्म जेफरीज का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों का यू-टर्न होना तय है। ब्रोकिंग फर्म ने साथ ही अपने ग्राहकों को भारत में बिकवाली करने की जगह खरीदारी की सलाह दी है।

ट्रंप की टैरिफ नीतियों का यू-टर्न होना तय

जेफरीज के प्रमुख एनालिस्ट क्रिस्टोफर वुड ने कहा कि उनके ग्राहक वर्तमान वैश्विक बाजार परिवेश और इस संभावना के कारण भारत में निवेश करने पर विचार कर रहे हैं क्योंकि ट्रंप अंततः अपना रुख बदल देंगे।

यदि कोई ट्रंप के सामने खड़ा होता है तो उसे लाभ होता है

वुड ने कहा, ‘यह केवल कुछ समय की बात है और ट्रंप अपने रुख से पीछे हट जाएंगे, जो कि अमेरिका के हित में नहीं है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यदि कोई ट्रंप के सामने खड़ा होता है तो उसे लाभ होता है।’ उन्होंने स्पष्ट किया है कि ट्रंप की ओर से ब्रिक्स देशों के खिलाफ कोई भी एक्शन उन्हें डी-डॉलराइजेशन की ओर ले जाएगा। ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।

डी-डॉलराइजेशन वह स्थिति है, जिसमें देश डॉलर की बजाय अन्य विदेशी मुद्राओं या घरेलू मुद्राओं में विदेशी व्यापार करना शुरू कर देते हैं। विश्लेषक ने कहा कि जेफरीज ने भारत पर, खासकर अपने एशिया (जापान को हटाकर) लांग-ओनली पोर्टफोलियो में लगातार तेजी का रुख बनाए रखा है।

भारत का पिछले 12 महीनों में सबसे खराब प्रदर्शन

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 15 वर्षों में वैश्विक उभरते बाजारों की तुलना में भारत ने पिछले 12 महीनों में सबसे खराब प्रदर्शन किया है। ब्रोकिंग फर्म ने एशिया (जापान को हटाकर) में भारत पर ‘मार्जिनल ओवरवेट’ रुख भी बनाए रखा है। वुड ने कहा, ‘भारत एशिया में सबसे अच्छी दीर्घकालिक संरचनात्मक स्थिति का प्रतिनिधित्व करता है,  हालांकि बाजार उच्च मूल्यांकन और भारी इक्विटी आपूर्ति का सामना कर रहा है।’

अमेरिका की कमजोर नीतियों के खिलाफ फिर एकजुट हो रहे ब्रिक्स देश

भारतीय शेयर बाजार एक वर्ष की फॉरवर्ड अर्निंग के 20.2 गुना पर कारोबार कर रहे हैं, जो अक्टूबर, 2021 के उच्चतम स्तर 22.4 गुना से कम है। एनालिस्ट वुड ने कहा कि ब्रिक्स देश मुख्य रूप से अमेरिकी प्रशासन की विदेश नीति में एक वैचारिक ढांचे के अभाव के कारण फिर से एकजुट हो रहे हैं।

कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधियों की 25 से 29 अगस्त के बीच प्रस्तावित नई दिल्ली यात्रा को पुनर्निर्धारित किया जा सकता है। गौरतलब है कि अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध खराब हो गए हैं। 27 अगस्त से अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लागू होने की धमकी दी गई है।

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code