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यूपी : ऊंची इमारतों से पथराव, देसी बम और 141 व्हाट्सएप ग्रुप…कानपुर हिंसा की साजिश में नया खुलासा

यूपी : ऊंची इमारतों से पथराव, देसी बम और 141 व्हाट्सएप ग्रुप…कानपुर हिंसा की साजिश में नया खुलासा

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कानपुर, 6 जून। यूपी के कानपुर जिले की नई सड़क पर हुए बीते शुक्रवार को हुये बवाल के मास्टरमाइंड और मौलाना मोहम्मद अली (एमएमए) जौहर फैंस एसोसिएशन के प्रमुख जफर हयात हाशमी के मोबाइल से अब राज खुलने लगे हैं। जफर हयात के मोबाइल में कुल 141 व्हाट्सएप ग्रुप मिले हैं। तकरीबन सभी ग्रुपों में बाजार बंदी और बवाल की बातचीत मिली है। हिंसा के दिन का हर पल का अपडेट ग्रुपों में दिया जा रहा था। कोई वीडियो डाल रहा था तो कोई फोटो और मैसेज भेज रहा था। बाजार बंदी का जफर हयात लगातार ग्रुप पर आह्वान कर रहा था। पुलिस ने इसको साक्ष्य के तौर पर जांच में शामिल किया है।

  • मोबाइल कब्जे में लेने के बाद हुए कई खुलासे

पुलिस ने हयात और अन्य आरोपियों के मोबाइल कब्जे में लिए थे। मुस्लिम संगठनों के व्हाट्सएप ग्रुप हयात के मोबाइल में मिले है। बवाल के दिन सुबह से ही लगभग हर ग्रुप पर सभी की सक्रियता थी। सबसे ज्यादा बातचीत और अपडेट एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन कानपुर टीम नाम के ग्रुप में किया जा रहा था। ग्रुप पर आपस में बाजार बंद को लेकर बातचीत की गई थी। तमाम खबरों की कटिंग डाली गई थी। उसके बाद जब बाजार बंद होना शुरू हुआ तो उसका अपडेट आने लगा। इसी तरह से बवाल और जब हाशमी आरोपी बनाया गया तो उससे संबंधित खबरें इसमें पोस्ट की गईं।

गौरतलब है कि हाशमी का आंदोलन वापस लेने का बयान पुलिस को चकमा देने के लिए था। वह लगातार लोगों को उकसाने में लगा था और इसमें उसकी पत्नी भी शामिल थी। उसके कई व्हाट्सएप ग्रुप पर हुई चैट इस बात को साबित करती है।

  • सड़क किनारे पड़े मिले हाथों से बनाये गए देशी बम

वहीं, इस मामले में सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ है कि हिंसा के दौरान ऊंची इमारतों से भी पथराव किया गया था। नई सड़क और आसपास बनी अवैध रूप से ऊंची इमारत सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा थी। अब संयुक्त पुलिस आयुक्त ने कानपुर विकास प्राधिकरण को जांच कराकर कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजा है। यह भी बात सामने आई है कि बवाल करने वाले लोग जाजमऊ,बाबूपुरवा, गडरियन पूर्व समेत कई दूसरे इलाकों से भी आये थे। उनको नई सड़क के आसपास की मस्जिदों में नमाज पढ़ने के आदेश मिले थे। नमाज के बाद कपड़ा लहराए जाते ही पथराव करना था। हाथों से बनाये गए देशी बम सड़क किनारे पड़े मिले हैं।

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