यूपी पुलिस ने जारी की सोशल मीडिया पॉलिसी – सोशल मीडिया से दूर रहेंगे यूपी के पुलिस अफसर और सिपाही
लखनऊ, 8 फरवरी। उत्तर प्रदेश की पुलिस फोर्स में पुलिस अफसर से लेकर सिपाही तक को सोशल मीडिया से दूर रहने का आदेश दिया गया है। उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजेपी) की ओर से इस बाबत प्रदेश के पुलिस महकमे के लिए सोशल मीडिया पॉलिसी जारी कर दी गई है।
पॉलिसी का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ होगी काररवाई
यूपी पुलिस की सोशल मीडिया पॉलिसी के अनुसार अब सरकारी कार्य या ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया का प्रयोग पुलिस अधिकारियों के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। कांस्टेबल से लेकर आईपीएस अधिकारी तक यह प्रतिबंध लागू किया गया है। इसका उल्लंघन करने वाले पुलिस अधिकारी या सिपाही के खिलाफ काररवाई की जाएगी।
राज्य में यह पहला मौका है, जब पुलिस फोर्स में सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर सोशल मीडिया पॉलिसी लायी गई है। हालांकि ऐसी पॉलिसी लाए जाने की वकालत अखिलेश यादव की सरकार में पुलिस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के सोशल मीडिया पर अनुशासनहीन पुलिसकर्मी की पक्ष में सोशल मीडिया में कई पोस्ट लिखने पर हुई थी।
इसके बाद कई पुलिस अफसरों और सिपाहियों ने अपनी फोटो सोशल मीडिया में डालने का सिलसिला शुरू किया तो पुलिस अफसरों के कृत्य की अनदेखी कर सिपाहियों के खिलाफ काररवाई की गई। इस भेदभाव की जब आलोचना होने लगी तो अब सोशल मीडिया पॉलिसी लायी गई।
पॉलिसी के तहत अफसरों और सिपाहियों को कुल 26 कार्य करने से रोका गया
इस पॉलिसी के तहत अब पुलिस अफसर और सिपाही के वर्दी में रील बनाने, चैटिंग करने या वर्दी में कार्य के समय बिना वजह फोटो डालने पर और सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर लाइव टेलीकास्ट करने पर भी रोक लगाई गई है। इस पॉलिसी में पुलिस अफसर और सिपाहियों को कुल 26 कार्य करने से रोका गया है।
इस पॉलिसी के तहत थाना/पुलिस लाइन/कार्यालय इत्यादि के निरीक्षण एवं पुलिस ड्रिल/फायरिंग में भाग लेने का लाइव टेलीकास्ट एवं कार्यवाही से सम्बन्धित वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करना गोपनीयता का उल्लंघन माना जाएगा। यही नहीं पुलिस कार्मिक द्वारा कार्य सरकार के दौरान सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी प्रकार की कोचिंग, लेक्चर, लाइव प्रसारण, चौट, वेबीनार इत्यादि में आमंत्रित किये जाने पर उसमें भाग लेने से पूर्व अपने वरिष्ठ अधिकारी को सूचित कर अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
इस पॉलिसी कहा गया है कि सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से पुलिस कार्मिक किसी भी प्रकार का धनार्जन/आय प्राप्त नहीं करेंगे, जब तक कि इस सम्बन्ध में उनके द्वारा सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त न कर ली जाए। सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से किसी भी व्यक्तिगत, व्यवसायिक कम्पनी अथवा उत्पाद/सेवा का प्रचार-प्रसार किया जाना प्रतिबंधित किया गया है।