यूपी कांग्रेस कमेटी पर रोडवेज का वर्षों पुराना करोड़ों का बिल बकाया, हाई कोर्ट ने ब्याज समेत चुकाने का दिया आदेश
प्रयागराज, 11 अक्टूबर। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को अपने एक बिल पुराने बिल का भुगतान करने का आदेश दिया है। यूपी कांग्रेस ने वर्ष 1981 से 1989 तक यूपी रोडवेज के वाहनों को राजनीतिक कामों के लिए इस्तेमाल किया था। इसके एवज में पार्टी पर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) का दो करोड़ 66 लाख रुपये का बिल बकाया है। अब हाई कोर्ट ने कांग्रेस को पांच प्रतिशत ब्याज के साथ दो करोड़ 66 लाख रुपये का बिल जमा करवाने का आदेश जारी किया है।
कांग्रेस ने 1981-89 के बीच यूपीएसआरटीसी की बसों व टैक्सियों का किया इस्तेमाल
हाई कोर्ट दी गई जानकारी में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों और टैक्सियों का इस्तेमाल कांग्रेस ने 1981-89 के बीच अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया था। उस दौरान कांग्रेस पार्टी राज्य में सत्ता में थी। हालांकि बसों के इस्तेमाल के बाद भी बिल जमा नहीं किया गया।
न्यायमूर्ति मनीष कुमार और न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कांग्रेस ने बसों का इस्तेमाल किया। यूपीएसआरटीसी ने उन्हें बिल भी दिए, लेकिन पार्टी ने इसे नजरअंदाज कर दिया। अब इन बिलों का भुगतान करें, जो 25-30 वर्षों से लंबित हैं।
कांग्रेस का आरोप – राजनीतिक प्रतिशोध के कारण रकम वसूली जा रही
हाई कोर्ट ने कांग्रेस को फटकार लगाते हुए कहा कि सत्ता में रहते हुए उसने यूपीएसआरटीसी की सुविधाओं का लाभ बिना कीमत चुकाए उठाया है। केवल यह कहकर बिल भरना नहीं टाला जा सकता कि सत्ता में पार्टी बदलने के बाद राजनीतिक प्रतिशोध के कारण उनसे रकम वसूली जा रही है। अपने बिलों का भुगतान करने से बचने की आजादी नहीं दी जा सकती।
यूपी कांग्रेस के खिलाफ यूपी परिवहन निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर की सिफारिश पर बकाया रकम की वसूली की नोटिस जारी हुई थी। इस पर यूपी कांग्रेस ने सार्वजनिक धन (बकाया की वसूली) अधिनियम, 1972 के तहत जारी नोटिस पर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। वसूली पर इसके बाद स्टे लगा और मामला वर्षों से कोर्ट में लंबित था।