यूपी निकाय चुनाव : ओबीसी आरक्षण को लेकर काम शुरू, सभी जिलों में जाएगी आयोग की टीम
लखनऊ, 31 दिसम्बर। यूपी निकाय चुनाव को लेकर हाई कोर्ट के फैसले के बाद ओबीसी आरक्षण का काम शुरू हो गया है। शनिवार को पांच सदस्यीय आयोग की टीम ने आरक्षण की प्रक्रिया को लेकर विस्तार से चर्चा की। गोमतीनगर स्थित सूडा ऑफिस में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति राम अवतार सिंह ने बताया कि सभी जिलों में आयोग की टीम जाएगी।
सरकार को 3 माह में रिपोर्ट सौंपने की होगी कोशिश
न्यायमूर्ति राम अवतार सिंह ने बताया कि आरक्षण को लेकर समाज के हर वर्ग से सुझाव लिए जाएंगे। इसके अलावा दूसरे राज्यों के आरक्षण फार्मूले पर भी अध्ययन किया जाएगा। साथ ही आरक्षण के लिए हर प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। पांच से छह महीने में आरक्षण का काम पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि आरक्षण पर फैसला आने में करीब छह महीने का समय लग सकता है। कोशिश रहेगी कि सरकार को तीन महीने में रिपोर्ट सौंप दी जाए।
जस्टिस राम अवतार सिंह के साथ ही आयोग के चार सदस्य बनाए गए हैं। इनमें सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारीद्वय चोब सिंह वर्मा और महेंद्र कुमार, पूर्व अपर विधि परामर्शी संतोष कुमार विश्वकर्मा और बृजेश कुमार सोनी शामिल हैं। गौरतलब है कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद योगी सरकार ने अधिकारियों के साथ विचार विमर्श करने के बाद आयोग बनाकर ओबीसी को आरक्षण देने की बात कही थी। अगले ही दिन पांच सदस्यीय आयोग का भी गठन कर दिया गया था।
हाई कोर्ट ने रद किया था ड्राफ्ट नोटिफिकेशन
हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को पांच दिसम्बर 2022 के ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को रद कर दिया था। इस ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के जरिए सरकार ने एससी, एसटी व ओबीसी के लिए आरक्षण प्रस्तावित किया था। न्यायालय ने यह भी कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित ट्रिपल टेस्ट के बगैर ओबीसी आरक्षण नहीं लागू किया जाएगा। कोर्ट ने एससी/एसटी वर्ग को छोड़कर बाकी सभी सीटों को सामान्य सीटों के तौर पर अधिसूचित करने का भी आदेश दिया था। न्यायालय ने सरकार को निकाय चुनावों की अधिसूचना तत्काल जारी करने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल कर दी है। इस एसएलपी पर नए वर्ष में सुनवाई होगी।