केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना को मंजूरी दी, 28602 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश
नई दिल्ली, 28 अगस्त। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए बुधवार को 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश से 10 राज्यों में 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस अहम फैसले की जानकारी दी।
नए प्रस्तावित औद्योगिक शहरों में आगरा और प्रयागराज भी शामिल
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) के तहत 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश से 12 नए परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दी है। ये औद्योगिक शहर उत्तराखंड के खुरपिया, पंजाब के राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र के दिघी, केरल के पलक्कड़, उत्तर प्रदेश के आगरा एवं प्रयागराज, बिहार के गया, तेलंगाना के जहीराबाद, आंध्र प्रदेश के ओर्वकल एवं कोपर्थी और राजस्थान के जोधपुर-पाली में स्थित होंगे।
प्रमुख गलियारों के करीब रणनीतिक रूप से की गई इन शहरों की परिकल्पना
वैष्णव ने बताया कि इन औद्योगिक शहरों की परिकल्पना छह प्रमुख गलियारों के करीब रणनीतिक रूप से की गई है। ये परियोजनाएं भारत की विनिर्माण क्षमताओं और आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने में एक महत्वपूर्ण पहल को दर्शाती हैं। यह कदम देश के औद्योगिक परिदृश्य को बदल देगा। इससे औद्योगिक क्षेत्र एवं शहरों का एक मजबूत नेटवर्क तैयार होगा जो आर्थिक वृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देगा।
वैश्विक मानकों के नए स्मार्ट शहरों के रूप में विकसित किए जाएंगे शहर
उन्होंने बताया कि इन शहरों को वैश्विक मानकों के नए स्मार्ट शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा। ये शहर उन्नत बुनियादी ढांचे से लैस होंगे जो टिकाऊ और कुशल औद्योगिक संचालन का समर्थन करते हैं। एनआईसीडीपी से रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर पैदा होने की उम्मीद है। इन शहरों के गठन से करीब 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार और नियोजित औद्योगिकीकरण के माध्यम से 30 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होने का अनुमान है। इन परियोजनाओं से लगभग 1.52 लाख करोड़ रुपये की निवेश क्षमता भी पैदा होगी। इन औद्योगिक शहरों की स्थापना की परिकल्पना वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में पेश की गई थी।
देश में औद्योगिक शहरों की संख्या बढ़कर 20 हो जाएगी
गौरतलब है कि केंद्रीय बजट में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए राज्यों और निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में देश के कई शहरों में या उसके आसपास ‘प्लग एंड प्ले’ औद्योगिक पार्क विकसित करने की घोषणा की गई थी। इस तरह के आठ औद्योगिक शहर पहले से ही कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।
चार शहरों – धोलेरा (गुजरात), ऑरिक (महाराष्ट्र), विक्रम उद्योगपुरी (मध्य प्रदेश) और कृष्णपट्टनम (आंध्र प्रदेश) में उद्योगों के लिए भूमि आवंटन का काम चल रहा है। अन्य चार शहरों में भी सरकार का विशेष उद्देश्य वाहन (एसपीवी) सड़क संपर्क, पानी और बिजली आपूर्ति जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया में है।देश में 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना की घोषणा के साथ इस तरह के शहरों की कुल संख्या 20 हो जाएगी। इस कदम से देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण की हिस्सेदारी बढ़ाने और रोजगार सृजन में मदद मिलने का अनुमान है।
रेल मंत्रालय की तीन परियोजनाओं को स्वीकृति
मोदी कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों में सीसीईए ने 4 राज्यों – ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के सात जिलों को कवर करने वाली रेल मंत्रालय की तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी।
सीसीईए ने 4 राज्यों- ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के 7 ज़िलों को कवर करने वाली रेल मंत्रालय की 3 परियोजनाओं को मंज़ूरी दी#CabinetDecisions pic.twitter.com/tTWMnvRer1
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रेल मंत्री वैष्णव ने बताया कि इन रेल परियोजनाओं के तहत 14 नए स्टेशनों का निर्माण होगा। नई रेल परियोजनाओं से 1,300 गांव और 11 लाख आबादी को कनेक्टिविटी प्रदान होगी। रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को 300 किलोमीटर तक बढ़ाने के लिए ये परियोजनाएं हैं। इसके साथ ही क्षमता वृद्धि के परिणामस्वरूप 45 एमटीपीए अतिरिक्त माल की ढुलाई होगी।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 234 नए शहरों/कस्बों में निजी एफएम रेडियो शुरू करने को मंजूरी दी
कवर किए गए नए क्षेत्रों में कई आकांक्षी, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित और सीमावर्ती क्षेत्र भी शामिल हैं
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234 नए शहरों/कस्बों में निजी एफएम रेडियो शुरू होंगे
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने 234 नए शहरों/कस्बों में निजी एफएम रेडियो शुरू करने को भी मंजूरी दी। इस कदम से मातृभाषा में स्थानीय कंटेंट को बढ़ावा मिलने और रोजगार के नए अवसर पैदा होने की संभावना है। कवर किए गए नए क्षेत्रों में कई आकांक्षी, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित और सीमावर्ती क्षेत्र भी शामिल हैं।