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अजेय भारत ने तीसरी बार जीती महिला ACT हॉकी, दीपिका के इकलौते गोल से फाइनल में चीन को दी शिकस्त

अजेय भारत ने तीसरी बार जीती महिला ACT हॉकी, दीपिका के इकलौते गोल से फाइनल में चीन को दी शिकस्त

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राजगीर (बिहार), 20 नवम्बर। गत चैम्पियन व मेजबान भारत ने बुधवार को यहां संघर्षपूर्ण खिताबी मुकाबले में पेरिस ओलम्पिक खेलों के रजत पदक विजेता चीन को 1-0 से हराकर तीसरी बार महिला एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी (ACT) हॉकी जीतने के साथ स्वर्ण पदक पर अधिकार कर लिया।

बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी हॉकी स्टेडियम में खेले गए मैच का इकलौता गोल टूर्नामेंट की सर्वोच्च स्कोरर दीपिका ने मध्यांतर के ठीक बाद 31वें मिनट में शॉर्ट कॉर्नर के जरिए किया। दीपिका ने टूर्नामेंट के सात मैचों में से दो छोड़ अन्य पांच में कुल 11 गोल किए, जिनमें राउंड रॉबिल लीग चरण के दौरान थाईलैंड के खिलाफ 13-0 की बड़ी जीत में उनकी स्टिक से निकले पांच गोल भी शामिल हैं। उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का पुरस्कार दिया गया।

FIH विश्व रैंकिंग में नौवें स्थान पर काबिज भारतीय महिलाओं  ने अपना धैर्य, कौशल और दृढ़ संकल्प दिखाते हुए एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे एशिया में शीर्ष पर क्यों हैं। भारत ने इसके पूर्व 2016 में पहली बार उपाधि जीती थी और पिछली बार उसने रांची में खिताबी सफलता पाई थी।

टूर्नामेंट के सभी 7 मैचों में अजेय रही मेजबान टीम

सलीमा टेटे की अगुआई में उतरी टीम की उपलब्धि इसलिए भी काबिलेतारीफ है कि उसने टूर्नामेंट के सभी सात मैचों में अजेय रहते हुए सर्वजेता का गौरव अर्जित किया। मेजबानों ने इस दौरान खुद से ऊंची रैंकिंग वाले चीन (विश्व रैंकिंग छह) और विश्व नंबर 11 जापान को दो-दो बार शिकस्त दी। फाइनल व सेमीफानल के पहले सभी पांच मैच जीतकर शीर्षस्थ रहते हुए भारत ने राउंड रॉबिन लीग चरण का समापन किया था।

मलेशिया को हरा जापान ने कांस्य पदक पर अधिकार किया

दिलचस्प यह है कि चीन अब तक इस टूर्नामेंट में एक बार भी विजेता नहीं बन सका है। इस बार भी उस रजत पदक सं संतोष करना पड़ा। वहीं फाइनल के पहले खेले गए तीसरे स्थान के मैच में दो बार के पूर्व चैम्पियन जापान ने मलेशिया को 4-1 से हराया और कांस्य पदक पर अधिकार किया।

दीपिका ने मध्यांतर बाद शॉर्ट कॉर्नर पर किया इकलौता गोल

मुकाबले की बात करें तो पहले दोनों क्वार्टर में दोनों टीमों ने हमले किए, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इस दौरान दोनों टीमों ने दो-दो शॉर्ट कॉर्नर जाया किए। फिलहाल तीसरे क्वार्टर के पहले ही मिनट में सफलता मिल गई, जब दाएं छोर से आगे बढ़ी लालरेमसियामी ने पेनाल्टी कॉर्नर दिलाया। उप कप्तान नवनीत कौर के डिफ्लेक्शन पर गेंद 55 नंबर की जर्सी धारण करने वालीं दीपिका के पास पहुंची, जिन्होंने शानदार फ्लिक से विपक्षी गोली को चौंका दिया।

चीनी गोली ने दीपिका का पेनाल्टी स्ट्रोक बचाया

भारत की बढ़त जल्द ही दुगुनी हो सकती थी, जब पेनाल्टी स्ट्रोक मिला। लेकिन चीनी गोली ने दीपिका के प्रयास को रोक दिया। चौथे क्वार्टर में भी भारत ने तेज शुरुआत की और जल्द ही सुशीला का एक प्रयास निष्फल हुआ। इसी क्रम में भारत ने एक पेनाल्टी कॉर्नर भी गंवाया। वहीं चीनी अग्रधावकों ने अंतिम क्षणों में बराबरी के लिए पूरा जोर लगाया, लेकिन भारतीय रक्षापंक्ति ने स्नायुतंत्रों पर नियंत्रण रखते हुए अपना दुर्ग सुरक्षित बचाए रखा।

खेल मंत्री मांडविया ने शानदार उपलब्धि पर दी बधाई

इस बीच खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने भारतीय महिलाओं की इस शानदार उपलब्धि पर बधाई दी है। उन्होंने X पर एक पोस्ट में लिखा, ‘शानदार और जबरदस्त जीत। महिला एशियन चैंपियनशिप ट्रॉफी के फाइनल में चीन को 1-0 से हराकर हमारी महिला हॉकी टीम ने देश को गौरवान्वित किया है। इस शानदार जीत पर पूरी टीम को बधाई। ऐसे ही भारत का नाम रोशन करती रहें। भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।’

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