डिजिटल विश्वविद्यालय अगले वर्ष जुलाई से शुरू होगा, इसके कुछ पाठ्यक्रम कौशल विकास से जुड़े होंगे – यूजीसी अध्यक्ष
नई दिल्ली, 9 अक्टूबर। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत जुलाई, 2023 से डिजिटल विश्वविद्यालय की शुरुआत हो जाएगी और इसके कुछ पाठ्यक्रम कौशल विकास से जुड़े होंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पिछले कुछ समय में डिजिटल विश्वविद्यालय का खाका तैयार करने पर विभिन्न पक्षों की ओर से काफी चर्चा हुई, जिसकी शुरुआत अगले साल जुलाई से होगी।
जगदीश कुमार बोले – डिजिटल विवि से छात्रों के लिए पढ़ाई करना काफी सरल होगा
एम. जगदीश कुमार ने कहा कि शुरुआत में कौशल विकास आधारित ज्यादा से ज्यादा पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना है और मुख्य जोर इस बात पर है कि छात्रों को कौशल आधारित प्रशिक्षण मिले तथा पाठ्यक्रम रोजगारोन्मुखी हों। उन्होंने कहा कि डिजिटल विश्वविद्यालय के माध्यम से छात्रों के लिए पढ़ाई करना काफी सरल होगा।
उन्होंने कहा, ‘मिसाल के तौर पर अगर कोई पाठ्यक्रम चार वर्षों का है और छात्र उसे कम समय में पूरा करने में सक्षम है, तब उस छात्र को कम अवधि में कोर्स पूरा करने की अनुमति देंगे। इसी तरह से अगर कोई छात्र चार वर्ष के पाठ्यक्रम को पांच साल में करना चाहता है, तो वह डिजिटल विश्वविद्यालय के माध्यम से उस कोर्स को पांच वर्ष में पूरा कर सकेगा।’
यूजी अध्यक्ष कुमार ने कहा कि जुलाई, 2023 से डिजिटल विश्वविद्यालय के माध्यम से कुछ पाठ्यक्रम शुरू होंगे, जिस पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि अब यूजीसी ने छात्रों को एक साथ दो डिग्री पूरी करने की अनुमति दे दी है और यदि बहुविषयक शिक्षा के तहत किसी छात्र ने एक डिग्री कॉलेज में मौजूद रहकर पूरी की होगी, तब वह डिजिटल विश्वविद्यालय में दूसरी डिग्री ऑनलाइन माध्यम से कर सकेगा।
डिजिटल विश्वविद्यालय की पहल से सभी प्रौद्योगिकी संस्थानों को जोड़ा जाएगा
कुमार ने कहा, डिजिटल विश्वविद्यालय की पहल से सभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयू) जुड़ेंगे। उन्होंने बताया कि इसमें छात्रों को बहु प्रवेश और निकास (मल्टीपल एंट्री और एग्जिट) जैसे विकल्प मिलेंगे तथा अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट एक एक वर्चुअल स्टोर हाउस है, जो हर छात्र के डेटा का रिकॉर्ड रखेगा।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में अगस्त में हुई थी महत्वपूर्ण बैठक
केंद्रीय मंत्रिमंडल के शिक्षा मंत्रालय से संबंधित मासिक नोट के अनुसार केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, दिल्ली विश्वविद्यालय व आईआईटी मद्रास के प्रतिनिधियों की अगस्त के अंतिम सप्ताह में डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना के विषय पर एक बैठक हुई थी।
वित्त मंत्री सीतारमण ने भी बजट सत्र में इस आशय की घोषणा की थी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा था कि देशभर के विद्यार्थियों को उनके द्वार पर विश्वस्तरीय गुणवत्तापूर्ण सर्वसुलभ शिक्षा देने के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा।
यह एक ऐसा विश्वविद्यालय होगा, जो छात्रों को कई तरह के पाठ्यक्रम और डिग्री की पढ़ाई ऑनलाइन उपलब्ध कराएगा। जरूरी डिजिटल आधारभूत ढांचे और प्रशिक्षण के वास्ते यह देश के अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर काम करेगा।